गुरुग्राम: टीकाकरण व्यक्ति के पूरे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है: डॉ. देवलीना चक्रवर्ती
गुरुग्राम, 8 अगस्त (हि.स.)। भारत में टीकाकरण से रोके जा सकने वाली बीमारियों से होने वाली लगभग 95 प्रतिशत मौतें व्यस्कों में होती हैं। देश में टीकाकरण को अक्सर केवल बचपन के टीकाकरण से जोड़ा जाता है। व्यस्कों के टीकों की आवश्यकता को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। इसी को देखते हुए अब आर्टेमिस अस्पताल ने विशेष केंद्र व्यस्कों के टीकाकरण केंद्र की शुरुआत की है।
आर्टेमिस हॉस्पिटल्स ने फाइजर इंडिया के साथ साझेदारी में व्यस्कों के टीकाकरण के लिए एक अग्रणी विशेष केंद्र बनाया है। जिसका उद्देश्य भारत में प्रीवेंटिव स्वास्थ्य सेवा के परिदृश्य को बदलना है। इस केंद्र से पूरे भारत में रोगी देखभाल को बढ़ाने और व्यस्कों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
आर्टेमिस हॉस्पिटल्स की प्रबंध निदेशक डॉ. देवलीना चक्रवर्ती ने कहा कि हम अस्पताल में बीमारी की रोकथाम और टीकाकरण में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। टीकाकरण व्यक्ति के पूरे जीवनकाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे पुरानी बीमारियों से पीडि़त लोगों और बुजुर्गों जैसे कमजोर समूहों को लाभ मिलता है। इस केंद्र पर परामर्शदाताओं और डॉक्टरों की एक समर्पित टीम रोगियों को यह आकलन करने में मदद करने के लिए उपलब्ध होगी कि कौन से टीकाकरण आवश्यक हैं। वे प्रत्येक टीके के लाभों और संभावित दुष्प्रभावों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि रोगी अपने टीकाकरण निर्णयों के बारे में अच्छी तरह से सूचित और सहज हों।
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