गुरुग्राम: रसायन विज्ञान में विविधता और समावेशिता विषय बहुमुखी: प्रो. रमेश चंद्र
-जीयू में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
-रसायन विज्ञान में विविधता और समावेशन विषय पर हुई व्यापक चर्चा
गुरुग्राम, 22 नवम्बर (हि.स.)। गुरुग्राम विवि के डिपार्टमेंट ऑफ केमिस्ट्री द्वारा रसायन विज्ञान में विविधता और समावेशिता विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में एमएस यूनिवर्सिटी भरतपुर के कुलपति प्रो. रमेश चंद्र एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में सीएसआईआर के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. राम विश्वकर्मा ने सम्मेलन में भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरुग्राम विवि के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एमएस यूनिवर्सिटी भरतपुर के कुलपति प्रो. रमेश चंद्र ने कहा कि रसायन विज्ञान में विविधता और समावेशिता विषय बहुमुखी है। यह हमारे दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है। उन्होंने रासायनिक उद्योग में स्थिरता, इस क्षेत्र की चुनौतियां, अनुसंधान की आवश्यकता, इस दिशा में उद्योग और शिक्षा जगत के शोधकर्ताओं के बीच सहयोग जैसे विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
सीएसआईआर के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. राम विश्वकर्मा ने कहा कि वर्तमान समय की ज्यादातर समस्याओं का समाधान प्रौद्योगिकी से संभव है। ऐसे में शोधार्थियों को लगातार नई तकनीक से मनुष्य के जीवन को सरल और सुगम बनाने की दिशा में प्रयासरत रहना होगा। इस अवसर पर प्रो रंजना अग्रवाल निदेशक सीएसआईआर कार्यक्रम की संयोजक प्रो. सरला बालचंद्रन समेत विवि के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में देश विदेश से आए छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, शोधकर्ताओं समेत बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों ने भाग लेकर शोधपत्र प्रस्तुत किए। अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन में भाग लेने के लिए 150 रजिस्ट्रेशन किए गए। दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन के पहले दिन यूके, जर्मनी, यूएसए से आए विशेषज्ञों ने छात्रों को अनुसंधान को बढ़ावा देना के लिए विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
गुरुग्राम विवि के कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार सिंह एवं डीन अकादमी अफेयर्स डॉ. सुभाष कुंडू ने सम्मेलन में मुख्य संरक्षक की भूमिका निभाई। कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि दो दिनों तक चलने वाले इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य रसायन, पेट्रोकेमिकल, फार्मास्युटिकल और पॉलिमर उद्योग के वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों के साथ-साथ शिक्षा जगत के जाने-माने प्रोफेसरों और शोधकर्ताओं को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में विविधता और समावेशिता प्राप्त करने के लिए नवीनतम रुझानों, प्रौद्योगिकियों और रणनीतियों पर व्यापक चर्चा करने के लिए एक साथ एक मंच पर लाना था।
हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव