गुरुग्राम: हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों के लिए शनिवार से तकनीकी पढ़ाई की होगी शुरुआत

 


-जेल में ही पढ़ाई करके रोजगार के लायक बनेंगें कैदी

-गुरुग्राम जिला जेल भौंडसी से हरियाणा की जेलों में कौशल विकास पहल एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का सीजेआई करेंगें शुभारंभ

गुरुग्राम, 5 दिसंबर (हि.स.)। प्रदेश की विभिन्न जेलों में सुधारात्मक न्याय और पुनर्वास को नई दिशा देने के उद्देश्य से भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत शनिवार को हरियाणा प्रदेश की विभिन्न जेलों में कौशल विकास केंद्रों, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा पाठ्यक्रमों और आईटीआई-स्तरीय व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का शुभारंभ करेंगे। यह कार्यक्रम जिला कारागार गुरुग्राम में आयोजित किया जाएगा।

जिला प्रशासन तथा जिला कारागार गुरुग्राम ने आयोजन की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। न्यायिक अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल एवं डीसी अजय कुमार ने शुक्रवार को आयोजन स्थल पर तैयारियों का जायजा लिया। शनिवार छह दिसंबर को आयोजित होने जा रहे इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति शील नागू तथा उच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीश भी मौजूद रहेंगे। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं हरियाणा सरकार द्वारा संयुक्त रूप से शुरू की गई इस सार्थक पहल से कौशल विकास केंद्रों और तकनीकी प्रशिक्षण सुविधाओं की स्थापना से कैदियों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा उपलब्ध होगी, जिससे वे रिहाई के बाद आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए सक्षम बन सकेंगे। हरियाणा सरकार और न्यायपालिका के इस संयुक्त प्रयास से यह उम्मीद बढ़ी है कि सुधार गृह न केवल दंडात्मक संस्थान रहेंगे, बल्कि कौशल, क्षमता और सकारात्मक परिवर्तन के केंद्र के रूप में नई पहचान बनाएंगे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जेल से रिहाई के बाद कैदियों पर सामाजिक अस्वीकृति या आर्थिक अनिश्चितता का बोझ न पड़े। उन्हें सार्थक रोजगार पाने के लिए आवश्यक कौशल और योग्यताएं यहीं पर प्रदान की जाएं।

नशा विरोधी जागरुकता अभियान का भी होगा शुभारंभ

हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (हालसा) ने एक व्यापक नशा विरोधी जागरुकता अभियान की भी संकल्पना की है, जिसका इसी कार्य्रक्रम के दौरान उद्घाटन किया जाएगा। यह पहल पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की न्यायाधीश एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (हालसा) की कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति लिसा गिल के मार्गदर्शन और दूरदर्शिता के तहत आकार ले रही है। यह महत्वाकांक्षी एक महीने तक चलने वाला राज्यव्यापी नशा-विरोधी जागरुकता अभियान, पूरे राज्य में युवाओं और उनके परिवारों को प्रभावित करने वाले मादक द्रव्यों के दुरुपयोग के मामलों में खतरनाक वृद्धि को दूर करने के लिए शुरू किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर