गुरुग्राम: सेमीकंडक्टर विर्निमाण व आपूर्ति का हब बनने जा रहा भारत: दीपक मैनी

 


-असम में टाटा की सेमीकंडक्टर इकाई का शुरू हुआ निर्माण

-हरियाणा में भी सेमीकंडक्टर विर्निमाण हब बनने की क्षमता

गुरुग्राम, 6 अगस्त (हि.स.)। प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (पीएफटीआई) के चेयरमैन दीपक मैनी ने कहा कि भारत तेजी से सेमीकंडक्टर विनिर्माण और सप्लाई का तेजी से हब बनने की ओर अग्रसर है। सेमीकंडक्टर विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। असम में टाटा की सेमीकंडक्टर यूनिट के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस यूनिट के निर्माण में 27 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है।

पीएफटीआई चेयरमैन ने कहा कि हरियाणा में भी सेमीकंडक्टर विनिर्माण का हब बनने की क्षमता है। पीएफटीआई इसे लेकर लंबे समय से मांग कर रही है। इस मामले में वह हरियाणा सरकार को अपना सुझाव भी दे चुकी है। उन्होंने कहा कि असम में बनने वाली यूनिट की प्रस्तावित क्षमता प्रतिदिन 4.83 करोड़ सेमीकंडक्टर चिप्स की है। यह यूनिट वायर बॉन्ड, फ्लिप चिप और आई-एसआईपी (पैकेज में एकीकृत प्रणाली) प्रौद्योगिकियों सहित स्वदेशी उन्नत अर्धचालक पैकेजिंग प्रौद्योगिकियों के विकास का विशेष स्थान होगा। देश में अरबों रुपये की लागत से जो तीन सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट्स लगेंगे इसमें दो प्लांट गुजरात के धोलेरा और साणंद में और तीसरा असम के मोरीगांव में स्थापित होने जा रहा है। दीपक मैनी ने बताया कि पीएफटीआई प्रदेश सरकार को अपने बजट संबंधी सुझाव में सेमीकंडक्टर विनिर्माण से संबंधित कंपनियों को आमंत्रित करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम देश का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल हब है। यहां पर यदि सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनी लगती है तो यहां रोजगार का बड़े स्तर पर सृजन होगा।

पीएफटीआई चेयरमैन ने कहा कि नेक्सट जेनरेसन चिप डिजाइन, सेमीकंडक्टर अनुसंधान तथा विनिर्माण के क्षेत्र में और तेजी से कौशल विकास एंव प्रशिक्षण का व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने की जरूरत है। असर और गुजरात के अलावा यदि इस प्रकार का संयंत्र हरियाणा में भी स्थापित किया जाए तो यह समस्त उत्तर भारत के लिए व्यापक अवसर लेकर आएगा। सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के मामले में चीन दुनिया का बड़ा हिस्सा अपने हाथ में रखता है। अमेरिका, जापान जैसे विकसित देश भी सेमीकंडक्टर के मामले में ताइवान और चीन पर निर्भर रहने को मजबूर हैं। अब भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण होने से दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। दीपक मैनी ने कहा कि चीन और ताइवान के बीच युद्ध कब भडक़ जाए इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। यही कारण है कि अमेरिका भी चाहता है कि भारत सेमीकंडक्टर विनिर्माण और सप्लाई का बड़ा हब बने।

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