गुरुग्राम: रुला रही बिजली, सिविल लाइन समेत कई क्षेत्र प्रभावित
-गर्मी के मौसम में बिजली सप्लाई बाधित होना बना परेशानी
-कई-कई घंटे तक लग रहे हैं बिजली के कट
गुरुग्राम, 7 मई (हि.स.)। एक तो गर्मी बढ़ रही है ऊपर से बिजली के अघोषित कटों ने गर्मी में हाल बुरा कर दिया है। एक-दो नहीं बल्कि सात-आठ घंटे तक बिजली के कट लगाए जा रहे हैं। बिजली के कट लगने का भी कोई कारण पता नहीं चल पा रहा है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की ओर से भी कटों की कोई अग्रिम या बिजली खराब होने संबंधी कोई सूचना नहीं दी जा रही। इस बारे में जब एक्सईएन अविनाश से संपर्क किया गया तो तीन कॉल करने के बाद भी उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।
सोमवार को भी कई घंटे तक बिजली बाधित रही। यही हाल मंगलवार दोपहर से शुरू हो गया। सिविल लाइंस क्षेत्र में अधिकांश समाचार पत्रों के कार्यालय हैं। बिजली की अघोषित कटौती से समाचार पत्रों के कार्यालयों में काम बाधित हुआ। शहर के शहर के पॉश क्षेत्र सिविल लाइंस, न्यू फ्रेंड्स कालोनी व सदर बाजार सहित आस-पास के क्षेत्रों शांति नगर, हीरा नगर, शिवाजी नगर, गांधी नगर, शक्ति पार्क, राज नगर, खांडसा रोड पर स्थित कालोनियों में भी बिजली का बुरा हाल है। राजेंद्रा पार्क, बजघेड़ा, सराय अलावर्दी, न्यू पालम विहार क्षेत्र में भी बिजली बाधित होने से लोग परेशान हैं। दिन के समय तो बिजली बाधित रहती ही है। बिजली बाधित होने से पेयजल आपूर्ति भी बाधित हो रही है। जीव-जंतु, जानवर भी बढ़ती गर्मी व बिजली की नियमित आपूर्ति न होने के कारण बड़े परेशान हैं। बिजली की अघोषित कटौती से शहर के मुख्य सदर बाजार में कारोबार भी प्रभावित हो रहा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि बिजली निगम से शिकायत भी कई बार कर ली है, लेकिन समाधान होता दिखाई नहीं दे रहा है। उनका कहना है कि बिजली निगम के शिकायत केंद्र में शिकायत करते हैं तो बिजलीकर्मी फोन ही नहीं उठाते।
बिजली कटौती का सामना उद्यमियों को भी करना पड़ रहा है। उद्यमी बिजली कटौती से चिंतित दिखाई दे रहे हैं। उनका कहना है कि अभी तो सही रुप से गर्मी आई भी नहीं है और बिजली कटौती होनी शुरु हो गई है। उनका कहना है कि हर साल बिजली निगम बड़े-बड़े दावे करता है कि गर्मियों में बिजली की कोई समस्या नहीं रहेगी, लेकिन गर्मी आते ही बिजली निगम के सभी दावे धरे रह जाते हैं। उधर बिजली निगम का कहना है कि गत वर्ष की अपेक्षा अप्रैल मई माह में बिजली की मांग अधिक बढ़ी है। प्रतिदिन यह मांग करीब 336 लाख यूनिट तक पहुंच गई है।
हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव