गुरुग्राम: डेरा प्रेमी जयनारायण की मृत देह मेडिकल रिसर्च के लिए दान

 


-92 साल की उम्र में भी रहे स्वस्थ, शुक्रवार सुबह 8 बजे ली अंतिम सांस

-भरा-पूरा परिवार छोड़कर मालिक की गोद में जा विराजे हैं जयनारायण

-रामा मेडिकल कालेज एंड रिसर्च सेंटर हापुड़ (यूपी) भेजी मृत देह

गुरुग्राम, 24 मार्च (हि.स.)। गुर्दे भी दान यहां मुर्दे भी दान करने के लिए दुनियाभर में नाम कमा रहे डेरा सच्चा सौदा के सेवादार समाज की हर तरह से सेवा में लगे रहते हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को जिले के गांव नानू कलां निवासी जयनारायण इंसा (92) का निधन होने पर परिवार ने उनकी मृत देह को मेडिकल रिसर्च के लिए रामा मेडिकल कालेज एंड रिसर्च सेंटर हापुड़ (यूपी) में दान कर दिया।

डेरा प्रेमी जयनारायण इंसा वर्षों से डेरा सच्चा सौदा से जुड़े रहे। उनका परिवार भी डेरा सच्चा से जुड़कर सेवा कार्यों में लगा है। जयनारायण डेरा सच्चा सौदा में सत ब्रह्मचारी भी रहे। पिछले काफी समय से अपने पैतृक गांव नानू कलां स्थित अपने परिवार के साथ घर में रह रहे थे। पूरी तरह से स्वस्थ थे। शुक्रवार की सुबह 8 बजे उन्होंने परिवार के बीच अंतिम सांस ली। गुरूजी संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसा की प्रेरणा से डेरा प्रेमी जयनारायण ने पहले ही बॉडी डोनेट के लिए डेरा सच्चा सौदा में फार्म भरा हुआ था। इस प्रेरणा का पालन करते हुए परिवार की तरफ से डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय सरसा में इसकी सूचना दी। डेरा प्रबंधन की ओर से हापुड़ के रामा मेडिकल में जयनारायण की बॉडी डोनेट करने के लिए निर्देशित किया।

सत ब्रह्मचारी जयनारायण के निधन की सूचना मिलते ही काफी संख्या में डेरा प्रेमी उनके निवास पर पहुंचे। परिवार को सांत्वना देने के साथ मृत देह को डोनेट कराने की प्रक्रिया शुरू की गई। सभी कागजात तैयार कराने के बाद जयनारायण की मृत देह को लेकर रवाना हुई गाड़ी को शाह सतनाम जी ग्रीन एस. वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने सम्मान में हाथ जोड़कर धन-धन सतगुरू तेरा ही आसरा का नारा लगाकर रवाना किया।

चार पीढिय़ां देखने का मिला सौभाग्य

92 वर्षीय जयनारायण को चार पीढिय़ां देखने का सौभाग्य मिला। वे अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। परिवार में उनकी तीन संतान एक बेटा रामपाल व दो बेटी राजबाला व संतरा के अलावा तीन पौते भागीरथ, जयबीर, कमलदीप और एक पौती ऊषा, चार पड़पौते व दो पड़पौती हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव