गुरुग्राम: बिल्डर्स के लाइसेंस हैं रद्द, रजिस्ट्री पर भी रोक, फिर भी निर्माण का आरोप
-करीब 6000 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे हैं ये दोनों प्रोजेक्ट
-एसटीपी की तरफ से 9 मई 2024 को एक पत्र जारी किया गया था
गुरुग्राम, 27 जून (हि.स.)। बिल्डर की मनमर्जी पर लगाम लगाने के लिए वैसे तो सरकार ने रेरा का गठन किया हुआ है, इसके बावजूद भी बिल्डर अपनी मनमानी करते हैं। ऐसे ही मनमानी के दो बिल्डर के मामले सामने आए हैं, जिसमें प्रोजेक्ट का लाइसेंस रद्द होने के बाद भी बिल्डर वहां पर निर्माण कर रहे हैं। लाइसेंस रद्द होने के बाद भी फ्लैट बुकिंग व निर्माण जारी होने के एक शिकायतकर्ता अखिल सुरेखा ने गुरुवार को कहा कि विभाग को इस पर कड़ा संज्ञान लेना चाहिए।
नारायण राजकुमार मर्चेंट्स लिमिटेड व अन्य द्वारा गुरुग्राम सेक्टर-43 स्थित विपुल लिमिटेड एवं सेक्टर-18 स्थित ट्यूलिप इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित की जा रही कालोनी को लेकर नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग में शिकायत दी गई। शिकायत के अनुसार कॉलोनाइजर विपुल लिमिटेड ने 13 अप्रैल 2022 को संशोधित भवन योजनाओं की स्वीकृति ली। बाद में अपने 7 आवंटियों से आपत्ति, सुझावों एवं एनओसी का पता लगाये बिना ट्यूलिप इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में लाभकारी हित में परिवर्तन के लिए 28 मार्च 2022 को अनुमति प्राप्त की। विपुल लिमिटेड ने यह भी पुष्टि नहीं की कि सभी 7 आवंटियों को उनके 10 अप्रैल 2017 के पत्र के माध्यम से भवन योजनाओं में संशोधन के लिये सूचित किया गया था। वर्तमान में वे उनके आवंटी नहीं हैं। सार्वजनिक नोटिस 8 अक्टूबर 2021 के लिए केवल बिहारी जी इस्पात उद्योग लिमिटेड को ही सूचित किया गया।
13 जनवरी 2022 को सभी आबंटियों को उपरोक्त संसोधन के बारे में सूचित करने की बात कही थी। इसके बावजूद कॉलोनाइजर को शिकायतों का निपटारा करने या फिर शिकायतकर्ताओं से 30 दिन के अंदर एनओसी लेने के लिए कहा गया था, लेकिन कॉलोनाइजर इसमें विफल रहा। इस पर विभाग ने संज्ञान लिया और बिल्डर का लाइसेंस रद्द कर दिया। इस मामले में शिकायतकर्ता अखिल सुरेखा का कहना है कि करीब 6000 करोड़ रुपये की लागत से ये दोनों प्रोजेक्ट बनाए जा रहे हैं। दोनों के लाइसेंस रद्द हो गए हैं। इसके बावजूद इन साइट्स पर काम धड़ल्ले से चल रहा है। नियमों को ताक पर रखकर बिल्डरों द्वारा फ्लैट की बुकिंग भी की जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव