गुरुग्राम: अदालत के आदेश पर बैंक ने उपभोक्ता को 2.90 लाख रुपये का किया भुगतान

 


-अदालत ने बिजली निगम के बैंक अकाउंट को कर दिया था अटैच

गुरुग्राम, 24 नवम्बर (हि.स.)। सिविल जज हिमानी गिल के आदेश का पालन करते हुए बैंक ने उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान 24 प्रतिशत ब्याज दर से कर दिया है। बैंक ने 2 लाख 90 हजार का चैक उपभोक्ता को अदालत में दे दिया है। अदालत बिजली निगम का बैंक अकाउंट अटैच कर चुकी थी।

उपभोक्ता बलराम सिंह के अधिवक्ता क्षितिज मेहता के अनुसार जनवरी 2016 में उपभोक्ता का बिजली का मीटर बिजली निगम ने चैक कराया था और अक्टूबर 2016 में मीटर टैंपर्ड कर बिजली चोरी करने के आरोप लगाते हुए बिजली निगम ने एक लाख 17 हजार 774 रुपए का जुर्माना लगा दिया था। उपभोक्ता ने जुर्माना राशि का भुगतान कर 10 नवम्बर 2016 को बिजली निगम के खिलाफ अदालत में केस दायर कर दिया था।

सिविल जज हिमानी गिल ने 25 अगस्त 2022 को उपभोक्ता के हक में फैसला देते हुए जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान 24 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को करने के आदेश बिजली निगम को दिए थे। बिजली निगम ने निचली अदालत के फैसले को जिला एवं सत्र न्यायालय में चुनौती दी थी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश शर्मा की अदालत ने बिजली निगम की अपील खारिज कर दी थी। उसके बाद भी बिजली निगम ने उपभोक्ता को उसकी जमा कराई गई राशि का भुगतान नहीं किया।

उपभोक्ता ने हिमानी गिल की अदालत में एग्जिक्यूशन पिटिशन दायर कर गुहार लगाई थी कि उसका पैसा उसे दिलाया जाए। अदालत ने बिजली निगम के बैंक अकाउंट को अटैच कर बैंक को आदेश दिए थे कि उपभोक्ता को जमा कराई गई राशि 24 प्रतिशत ब्याज दर से वापिस की जाए। अधिवक्ता का कहना है कि बैंक ने अदालत के आदेश का पालन करते हुए 2.90 लाख रुपये का चैक उपभोक्ता को दे दिया है। अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता अब बिजली निगम के खिलाफ ह्रासमेंट का केस डालने की तैयारियों में लगा है।

हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव