रोहतक: गोवर्धन पर्व हर्षोउल्लास से मनाया, विशेष पूजा अर्चना कर श्रद्धालुओं ने मांगी मन्नत
रोहतक, 14 नवंबर (हि.स.)। गोवर्धन पर्व हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। साथ ही श्रद्धालुओं ने विशेष पूजा अर्चना कर सुख स्मृद्धि की कामना की। माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में सतसंग का आयोजन किया गया। गद्दीनशीन साध्वी मानेश्वरी देवी ने बताया कि एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुलवासियों से इंद्रदेव की पूजा करने के बजाय गोवर्धन की पूजा करने को कहा। इससे पहले गोकुल के लोग इंद्रदेव को अपना इष्ट मानकर उनकी पूजा करते थे।
भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुलवासियों से कहा कि गोवर्धन पर्वत के कारण ही उनके जानवरों को खाने के लिए चारा मिलता है। गोर्वधन पर्वत के कारण ही गोकुल में बारिश होती है, इसलिए इंद्रदेव की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए। जब इंद्रदेव को श्रीकृष्ण की इस बात के बारे में पता चला तो उन्हें बहुत क्रोध आया और बृज में तेज बारिश शुरू कर दी, तब श्रीकृष्ण भगवान ने बृज के लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर बृजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचा लिया। तब बृज के लोगों ने श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाया था। इससे खुश होकर श्रीकृष्ण ने गोकुलवासियों की हमेशा रक्षा करने का वचन दिया था। इस अवसर पर अन्नकूट का प्रसाद भी वितरित किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल/संजीव