सरकारी बसों का रुट बदले जाने पर पांच गांवों के ग्रामीणों ने रोष जताया

 


ग्राम पंचायतों ने उठाई आवाज, सरकार से रुट पुन: बहाल करने की मांगहिसार, 18 अप्रैल (हि.स.)। हांसी उपमंडल के अनेक गांव ढाणी कुम्हारान, मोठ करनैल, पाली, माजरा, मोठ रांगडान, गढ़ी अजीमा, लोहारी व ढाणी ब्राह्मण के ग्रामीणों ने सरकारी बसों का रुट बदले जाने पर कड़ा विरोध जताया है। ग्रामीणों का कहना है कि अब उन्हें हांसी पहुंचने के लिए लम्बा और कठिन रास्ता तय करना पड़ता है, जिससे विद्यार्थियों, नौकरीपेशा और बुजुर्गों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।सरपंचों व (एसएफआई) की सक्रिय भागीदारीइस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए शुक्रवार को सुनील सरपंच व स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के नेता दीपक वर्मा ने बताया कि पहले इन गांवों से हांसी के लिए सीधी और कम दूरी वाली बस सेवा उपलब्ध थी। अब रुट बदल दिए जाने से छात्र समय पर कॉलेज, आईटीआई और कोचिंग संस्थानों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ग्रामीणों का समय, ऊर्जा और धन तीनों प्रभावित हो रहे हैं।मुख्य समस्याएंविद्यार्थियों की पढ़ाई और परीक्षा प्रभावित हो रही है। सरकारी दफ्तरों, अस्पतालों और रोजगार स्थलों तक पहुंचना कठिन हो गया है। मजदूरों और कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति में बाधा हो रही है। परिवहन में अधिक समय और खर्च हो रहा है।ग्राम पंचायतों व ग्रामीणों की सरकार से मांगपुराना सीधा रुट तत्काल प्रभाव से बहाल किया जाए, बसों की संख्या में बढ़ोतरी की जाए, हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात के साधनों की गंभीर कमी को दूर किया जाए, नई बसें चलाकर रोजगार के अवसर भी पैदा किए जाएं, ज्ञापन सौंपने वालों में सरपंच राजकुमार उर्फ काला, सरपंच प्रतिनिधि ग्राम पंचायत ढाणी कुम्हारान, सुनील सरपंच, ग्राम पंचायत मोठ, रुचिका सरपंच ग्राम पंचायत गढ़ी अजीमा, पवन सरपंच ग्राम पंचायत ढाणी ब्राह्मण, जसवंत सरपंच ग्राम पंचायत मोठ रांगडान, रामकेश सरपंच ग्राम पंचायत माजरा, मंदीप- सरपंच ग्राम पंचायत पाली आदि शामिल रहे।रुट बहाल नहीं किया तो आंदोलन करने की चेतावनीढाणी कुम्हारान के सरपंच प्रतिनिधि काला व गांव मोठ सरपंच सुनील ने प्रशासन के रुट बदलने के फैसले का विरोध किया व कहा कि जल्द से जल्द बसों का प्रबंध कराया जाये व 50 साल से चल रहे बस रुट को न बदला जाये। अगर प्रशासन हमारी मांगे नहीं मानता है तो हम पांचों गांव के सरपंच व ग्राम पंचायत ग्रामीणों के साथ मिलकर व छात्र संगठन को साथ लेकर बड़ा आंदोलन व पांचों गांव का एक सांझा धरना प्रदर्शन करेंगे। ज्ञापन सौंपने के दौरान संबंधित डीआई ने दो दिन के भीतर समाधान का आश्वासन दिया है। यदि दो दिन में पुराना रुट बहाल नहीं किया गया तो एसएफआई, पांचों गांवों के लोगों को साथ लेकर बड़ा आंदोलन शुरू करेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर