जींद : नागरिक अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा मिलेगी मुफ्त
जींद, 19 अक्टूबर (हि.स.)। अब किडनी रोग से पीडि़त मरीजों को निजी अस्पतालों में मंहगे दाम पर डायलिसिस नहीं करवाना होगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी नागरिक अस्पतालों में डायलिसिस की सेवाएं मुफ्त में मिलेंगी। हालांकि पहले इस मुफ्त सेवा का लाभ आयुष्मान या बीपीएल कार्ड धारक ही उठा सकते थे। आदेश मिलते ही जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में मुफ्त सेवा को शुरू कर दिया गया है। शनिवार को सीएमओ डा. गोपाल गोयल, डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला, डिप्टी सीएमओ डा. रमेश पांचाल ने डायलिसिस सेंटर का दौरा किया और यहां उपचाराधीन मरीजों से बातचीत की। सीएमओ डा. गोपाल गोयल ने कहा कि किडनी रोग पीडि़तों को डायलिसिस करवाने के लिए रुपये नही देने होंगे। नागरिक अस्पताल में यह सुविधा मुफ्त उपलब्ध होगी।
डा. गोपाल गोयल ने कहा कि आज के दौर में हर इंसान किसी न किसी बीमारी का शिकार है। इन दिनों शुगर व ब्लड प्रेशर की बीमारी के पकड़ में आने से इंसान किडनी रोग की जकड़ में आ जाता है। फिर उसे डायलिसिस करवाना पड़ता है। किडनी रोग से ग्रस्त होने का कारण शरीर के प्रति अनदेखी है। वहीं समय-समय पर शरीर की जांच न करवाना भी मुख्य वजह है। अगर समय पर उपचार न मिले तो मरीज की जान भी जा सकती है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार अस्पताल में डायलिसिस की सेवा मुफ्त कर दी गई है। डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि डायलिसिस का खर्च करीब 20 से 25 हजार रुपये प्रति माह का आता है। जोकि इस बात पर निर्भर करता है कि डायलिसिस माह में कितनी बार हो रहा है। अब हरियाणा सरकार इसका खर्च उठाएगी।
सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग के इस फैसले से राज्य में किडनी रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी। डा. भोला ने कहा कि डायलिसिस का उपचार महंगा होने से भी आज किडनी रोग पीडि़त मरीज मौत का शिकार हो रहे हैं। इसीलिए स्वास्थ्य विभाग तथा सरकार ने इन रोगियों की सुविधा के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस के लिए विशेष मशीनें उपलब्ध करवाई हैं। डायलिसिस के लिए अब मरीजों को निजी अस्पतालों में महंगा उपचार करवाने की जरूरत नही है। सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा मुफ्त उपलब्ध होगी। डा. भोला ने कहा कि बढ़ रही बीमारियों को देखते हुए हमें पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। स्वच्छ खानपान को तरजीह दें। बाजार के बने फास्ट फूड से पूरी तरह परहेज करें।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा