फतेहाबाद: निशान सिंह का अजय चौटाला को जवाब...खामोशी अच्छी नहीं तो किस्से जनाब के हजारों हैं...
फतेहाबाद, 7 मई (हि.स.)। जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला द्वारा विधायक देवेन्द्र बबली व जेजेपी छोड़ चुके पूर्व प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर मामला गर्माता जा रहा है। देवेन्द्र बबली द्वारा अजय चौटाला का मानसिक संतुलन बिगड़ा होने के ब्यान के बाद जेजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह ने भी मंगलवार को अजय चौटाला को लेकर तंज कसा है।
निशान सिंह का कहना है कि खामोशी अच्छी है, नहीं तो किस्से जनाब के हजारों है। बता दें कि 2 दिन पहले टोहाना आए अजय चौटाला ने कहा था कि देवेन्द्र बबली पार्टी पर बोझ बने हैं, जो न काम कर रहे हैं न ही पार्टी छोडऩा चाहते है। उन्होंने निशान सिंह बारे बोलते हुए कहा था कि निशान सिंह अब कांग्रेस में कुर्सी के हत्थे पर बैठते हैं। निशान सिंह को हमारे यहां खूब मान सम्मान मिलता था और अब कांग्रेस में उन्हे बैठने केलिए कुर्सी तक नही मिल रही।
इसका जवाब देते हुए कांग्रेस जॉइन कर चुके निशान सिंह ने कहा कि मेरा राजनीतिक जीवन ऐसा है कि मैंने कभी लालच नहीं किया। ये मैं नहीं कहता ये सारा टोहाना और हरियाणा जानता है। वो बड़े लोग हैं। मैं तो पहले दिन से कह रहा हूं कि मैं दोषारोपण करना अच्छा नहीं मानता। निशान सिंह ने कहा कि किसी भी समझदार व्यक्ति के लिए खामोशी अच्छी होती है। नहीं तो किस्से तो जनाब के हजारों हैं। कुर्सी के पायदान पर बैठने के सवाल के जवाब में निशान सिंह ने कहा कि प्रभु ने कभी ऐसा मौका नहीं आने दिया कि हम किसी के पिछलग्गू बनें।
मैं नहीं कहता कि मुझे वहां मान सम्मान नहीं मिला, वो कुछ भी कहें, लेकिन यहां मान सम्मान में कोई कमी नहीं, पर छोटी बात किसी बड़े व्यक्ति को कहनी अच्छी नहीं लगती। उन्होंने अजय चौटाला को सलाह दी कि सारा दिन बात करते समय हमें होशोहवास में रहना चाहिये। यदि किसी कारण से होश नहीं है, तो प्रेस के सामने नहीं आना चाहिए। निशान ने कहा कि मेरा जमीर नहीं कहता कि मैं कुछ छोटी बात बोलूं। उनके तो बच्चे भी कटाक्ष करते हैं। मैं उनका क्या जवाब दूं। कुछ भी हो, मेरा सब्र बहुत बड़ा है, मैं कोई ऐसी बात नहीं कहना चाहता। आज के दिन मैं कांग्रेस का सिपाही हूं। चुनाव प्रचार चल रहा है और प्रत्याशी को ज्यादा से ज्यादा वोटों से जीताने के लिए प्रयासरत हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/अर्जुन/संजीव