पंजाब से कटा फतेहाबाद जिला, ड्रोन से रखी जा रही नजर
किसानों की सरकार के साथ बातचीत पर नजर, मोबाइल इंटरनेट बंद होने से लोग परेशान
फतेहाबाद, 12 फरवरी (हि.स.)। मंगलवार को पंजाब के किसानों द्वारा दिल्ली कूच में शामिल होने से भले ही संयुक्त किसान मोर्चा के एक धड़े ने दूरी बना ली हो, लेकिन पंजाब से आने वाले किसानों को रोकने के लिए फतेहाबाद जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। सोमवार को जिले से पंजाब से आने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया गया। कहीं पर प्रशासन ने सडक़ों पर लोहे की बड़ी कीलें गाढ़ दी हैं तो कहीं पर सडक़ों में गहरे गड्ढे खोदकर किसानों को रोकने का प्रयास है।
पंजाब आने जाने वाली दोनों राज्यों की रोडवेज बसें भी अब बंद हो चुकी हैं, जिस कारण जिले का पंजाब से पूरी तरह संपर्क टूट गया है। एसपी आस्था मोदी ने सोमवार को पंजाब बार्डर से लगे सभी नाकों का निरीक्षण किया। सभी नाकों पर सीआरपीआर और पुलिस के जवान मोर्चा संभाला हुए हैं। दूसरी ओर पंजाब के किसान फतेहाबाद की सीमा से कुछ किलोमीटर दूर पंजाब के गांव गामेवाला के पास इकट्ठा होना शुरू हो गए हैं। किसान सरकार व किसान नेताओं के बीच होने वाली बातचीत पर नजर बनाए हुए हैं। यदि बातचीत सिरे नहीं चढ़ती तो मंगलवार को फतेहाबाद में स्थिति तनावपूर्ण हो सकती है।
पुलिस द्वारा पंजाब बार्डर से सटे क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से भी निगरानी की जा रही है। पुलिस ने रतिया-रोझावली सैम नाले के रास्ते पर खोदे गए गड्ढे को भी और चौड़ा कर दिया है। जिला पुलिस कप्तान आस्था मोदी भी लगातार मौकास्थल पर पहुंचकर पुलिस प्रशासन की तैयारी का जायजा ले रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा इस क्षेत्र से किसानों को किसी भी कीमत पर कूच करने नहीं दिया जाएगा। पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों को रोकने के लिए और सख्ती करनी शुरू कर दी है। पहले जहां रोझांवाली के आसपास कच्चे रास्तों से आवागमन जारी था, सोमवार को उसको भी पुलिस प्रशासन जेसीबी के द्वारा उखाड़ दिया गया है। अब मात्र दोपहिया वाहन वहां से गुजर पा रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा नहीं लेगा दिल्ली कूच में भाग
संयुक्त किसान मोर्चा जिला फतेहाबाद के संयोजक जगतार सिंह ने बताया कि वह 13 फरवरी को दिल्ली कूच में शामिल नहीं होंगे, जबकि वह संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 16 फरवरी को किए जा रहे भारत बंद में हिस्सा लेंगे। भारत बंद के दौरान किसान एमएसपी कानून बनाने के साथ-साथ किसानों की पेंशन को लेकर संघर्ष करते रहेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/अर्जुन/संजीव