फतेहाबाद की वायु गुणवत्ता बहुत खराब, एक्यूआई 600 के पास पहुंचा
फतेहाबाद, 4 नवम्बर (हि.स.)। फतेहाबाद में जहरीले धुंए के कारण इस बार प्रदूषण के सारे रिकॉर्ड टूटते नजर आ रहे हैं। प्रदूषण के मामले में देशभर में पहले नंबर पर पहुंच चुके फतेहाबाद जिले में इन दिनों प्रदूषण के कारण हालात बद से बदतर होते नजर आ रहे हैं। फतेहाबाद जिले में किसानों द्वारा रात के समय पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। शनिवार को एक्यूआई सभी रिकार्ड तोड़ते हुए करीब 600 तक जा पहुंचा।
फतेहाबाद में दिनभर आसमान में घना धुंआ छाया रहा, जिस कारण लोगों की आंखों में जलन के साथ पानी निकल रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी सांस के रोगियों को हो रही है। सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।
जिले में धान कटाई का काम लगभग पूरा हो चुका है। जिन क्षेत्रों में बाढ़ के कारण देरी से धान की बिजाई हुई थी, केवल उन्हीं क्षेत्रों में धान की कटाई चल रही है। धान कटाई के बाद से ही किसान खेतों में गेहूं बिजाई की तैयारियों में लग जाते हैं। ऐसे में किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या धान फसल के अवशेष यानि पराली का निपटान रहता है। पराली को खेत से निकालना किसानों को काफी महंगा पड़ता है, ऐसे में किसान सबसे सस्ता रास्ता अपनाते हुए शहर में पड़े फसल अवशेषों को आग लगा देते हैं। पराली जलने से उठने वाला धुंआ मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार/अर्जुन/सुमन/वीरेन्द्र