जींद : फ्लैग मार्च निकाल दिया फसल अवशेष प्रबंधन का संदेश

 


जींद, 18 अक्टूबर (हि.स.)। उचाना एसडीएम डा. किरण सिंह ने शुक्रवार को उपमंडल के सभी अधिकारियों के साथ शुक्रवार को करीब एक दर्जन गांवों में फ्लैग मार्च किया और गांव दर गांव धान उपजाने वाले किसानों से मुलाकात कर फसल अवशेष प्रबंधन करने का संदेश दिया। एसडीएम ने तमाम अधिकारियों के काफिले के साथ अपने फ्लैग मार्च की गांव पालंवा से शुरूआत की और उसके बाद करसिंधू, अलिपुरा, लोधर, मांडी, छातर, घोघडिय़ा, रोजखेड़ा इत्यादि में मौके पर जाकर धान किसानों को पराली यानी धान अवशेष न जलाने बारे और कृषि संयंत्रों का उपयोग कर फसल अवशेषों का प्रबंध करने बारे जागरूक किया। एसडीएम डा. किरण सिंह ने बताया कि अवशेष जलाना सामाजिक बुराई ही नहीं बल्कि कानूनी अपराध भी है और इससे प्रकृति, जमीन तथा मानव जीवन पर अत्यंत गंभीर व प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हैं।

जिससे जमीन की उर्वरा शक्ति नष्ट होने के साथ-साथ प्राकृतिक प्रदूषण की वजह से मनुष्य भी अनेक जानलेवा बीमारियों का शिकार होता है। फसल अवशेष प्रबंधन करने वाले किसानों को सरकार द्वारा प्रति एकड़ 1000 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जा रहे हैं। एसडीएम ने आगे बताया कि फसल अवशेष प्रबंध न करने वाले और अवशेषों को जलाने वाले किसान के खिलाफ नियमानुसार सख्त विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। डा. किरण सिंह ने कहा कि किसी भी सूरत में किसान पराली ना जलाएं बल्कि अवशेष प्रबंधन कर जमीन की उर्वरा शक्ति को बचाए रखें। उन्होंने बताया कि फ्लैग मार्च का वास्तविक संदेश यही है कि पराली जला कर किसान सिर्फ अपनी जमीन को ही बंजर नहीं बना रहे बल्कि पर्यावरण प्रदूषण की वजह से भविष्य में कैंसर, दमा इत्यादि जानलेवा बीमारियों को भी सीधा निमंत्रण दे रहे हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि खेतों में आगजनी की गतिविधियों पर प्रशासन की कड़ी नजर है। उन्होंने सभी ग्राम सचिव, पटवारी, चैकीदार, नंबरदार तथा सरपंचों को भी हिदायत दी कि वे अपने-अपने गांव में पराली न जलाने बारे प्रशासन के संदेश की बराबर मुनादी करवाते रहे। फ्लैग मार्च के दौरान एसडीएम के साथ एसडीओ कृषि विभाग डा. बलजीत लाठर, उचाना एसएचओ पवन कुमार सहित कृषि विभाग के अधिकारी, कर्मचारी एवं किसान मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा