किसान आंदोलन के समर्थन में गुरुग्राम से दिल्ली जा रहे किसान हिरासत में

 




-पुलिस ने किसानों को नोटिस भी दिए

गुरुग्राम, 20 फरवरी (हि.स.)। किसान आंदोलन को समर्थन देने और अपनी 1810 एकड़ जमीन अधिग्रहण का मुआवजा कम देने के विरोध में मंगलवार को दिल्ली के जंतर-मंतर जा रहे किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

मानेसर क्षेत्र के कई गांवों की 1810 एकड़ जमीन का अधिग्रहण सरकार ने किया है। इस जमीन की कीमत बहुत ही कम दी जा रही है। किसान सरकार के इस कदम से नाराज हैं। किसान आंदोलन और जमीन अधिग्रहण के विरोध में मंगलवार को मानेसर क्षेत्र के किसान दिल्ली के जंतर-मंतर पर जाने को तैयार थे। जैसे ही पुलिस को इसकी भनक लगी तो पुलिस सक्रिय हो गई। मानेसर के किसान उमेश यादव, कैलाश जग्गा, ओमप्रकाश व गजराज को नोटिस थमाकर पुलिस ने कहा है कि जंतर-मंतर पर ना जाएं। इस मामले में किसान नेताओं ने कहा कि सरकार किसानों के साथ ठीक व्यवहार नहीं कर रही। वे आगे की रणनीति बनाएंगे। वे पिछले एक साल से लगातार धरना दे रहे हैं, लेकिन सरकार किसानों की मांग पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले रही।

बता दें कि गुरुग्राम के मानेसर आईएमटी (इंडस्ट्रीयल मॉडल टाउनशिप) मानेसर का दायरा बढ़ाने के प्लान के साथ वर्ष 2012 में मानेसर के साथ लगते कुकड़ोला, कुफरपुर, बांस लांबी, खरखड़ी व कासन गांवों के एक हजार से अधिक छोटे-बड़े किसानों की जमीन को प्रदेश सरकार ने अधिग्रहण के नोटिस जारी किए थे। किसानों की इस उपजाऊ जमीन का रेट प्रदेश सरकार ने केवल 55 लाख प्रति एकड़ तय कर मुआवजा देने की तैयारी की। लेकिन किसान इस मुआवजे को लेने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि किसान व प्रदेश सरकार पीछे हटने को तैयार नहीं है। अभी यह 1810 एकड़ जमीन पर किसानों का ही कब्जा है। इनमें से 30 फीसदी किसान जिनकी थोड़ी जमीन थी, वे कम रेट का ही मुआवजा ले चुके हैं। 70 फीसदी किसानों का कहना है कि मानेसर क्षेत्र में 55 लाख रुपये का एक प्लाट भी नहीं खरीदा जा सकता। ऐसे में वे अपनी जमीन का रेट प्रति एकड़ 5 करोड़ रुपये से अधिक मांग रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव