सरकार की गलत नीतियों के कारण बर्बाद हो रहे किसान, आढ़ती व मजदूर : बजरंग गर्ग
सरसों की सरकारी खरीद आढ़तियों के माध्यम से न होने के विरोध में व्यापारियों ने दिया धरना
हिसार, 1 अप्रैल (हि.स.)। हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने आरोप लगाया है कि सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश का किसान, आढ़ती व मजदूर लगातार बर्बाद होता जा रहा है। सरकार मंडि़यों को बर्बाद करने के लिए सरसों की खरीद आढ़तियों के माध्यम से नहीं कर रही है।
बजरंग गर्ग सोमवार को यहां की अनाज मंडी में अनाज मंडी एसोसिएशन की ओर से सरसों की सरकारी खरीद आढ़तियों के माध्यम से ना करने के विरोध में व्यापारियों द्वारा दिए गए धरने को संबोधित कर रहे थे। धरने पर सरकार द्वारा सरसों की खरीद आढ़तियों के माध्यम से न करने पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि सरकार को किसान की हर फसल मंडी के आढ़तियों के माध्यम से खरीद करनी चाहिए। अनाज, सब्जी व फलों के व्यापार पर अगर बड़े घरानों का कब्जा हो गया तो महंगाई पहले से कई गुणा ओर बढ़ जाएगी। सरकार को अनाज की खरीद ऑनलाइन करने की बजाय पहले की तरह ऑफलाइन करनी चाहिए लेकिन सरकार बड़े घरानों को लाभ पहुचाने के लिए देश व प्रदेश में सरकारी मंडि़यां बंद करना चाहती है।
बजरंग गर्ग ने कहा कि सरसों की सरकारी खरीद अनाज मंडी के आढ़तियों के माध्यम से ना करने के विरोध में आज पूरे हरियाणा की मंडि़यों में धरना प्रदर्शन किया गया है। यह धरना प्रदर्शन मंडि़यों में अलग-अलग 5 अप्रैल तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले गेहूं व धान पर आढ़तियों का कमीशन काट कर कम कर दिया और अब सरकार मंडि़यों को बर्बाद करने के लिए सरसों की खरीद आढ़तियों के माध्यम से नहीं कर रही है जिसके कारण हरियाणा के व्यापारी, किसान, मजदूर में सरकार के प्रति भारी रोष है।
हरियाणा के कृषि मंत्री कंवर पाल गुज्जर ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा सरसों की पैदावार का लगभग 22 प्रतिशत सरसों किसान की सरकार खरीद करेगी, अगर सरकार केवल 22 प्रतिशत सरसों खरीद करेगी तो 78 प्रतिशत सरसों किसान को मजबूरी में औने-पौने दामों में बेचनी पड़ेगी, जिससे किसानों को बढ़ा भारी नुकसान होगा।
इस मौके पर अनाज मंडी प्रधान रामअवतार गोयल, अनाज मंडी जिला प्रधान पवन गर्ग, सचिव जगदीस गोदारा, लक्ष्मी आदमपुरिया, मंडी पूर्व प्रधान सजय गोयल, बजरंग लाल, खल बिनौला प्रधान त्रिलोक कंसल, सुरेन्द्र न्योली, अनिल चौधरीवास, वेद प्रकाश मुकलानिया, नरेश खारिया आदि व्यापारी प्रतिनिधी भारी संख्या में मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर