फरीदाबाद: सेल्फ इम्पोवरमेंट से युवा और महिलाएँ लायें समाज में बदलाव: डॉ बिन्नी सरीन

 


साइबर फ्रॉड और सेक्स्टोरशन से युवाओं को बचाने की ज़रूरत : डीआईजी नाजऩींन भसीन

फरीदाबाद, 12 जनवरी (हि.स.)। हरियाणा महिला आयोग की 25वीं वर्षगांठ में दो दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन शुक्रवार को नारी शक्तियों और ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट ने अपने विचारों का सांझा किया। हरियाणा राज्य बाल कल्याण की मानद महासचिव श्री मती रंजिता मेहता ने कहा कि बच्चों के प्रति हमारा व्यवहार हमेशा अच्छा होना चाहिए ताकि हम उनको समझा सके की उनको जिंदगी में आगे सही दिशा में जाना है और क्या सही और गलत उसका चुनाव करना है।

उन्होंने कहा कि आज समाज में जब 12 या 13 वर्ष की बच्ची मां बनती है तो उसका भविष्य क्या होगा। ऐसा न हो इसके लिए हमें अपने बच्चों को सेक्स एजुकेशन देना बहुत जरूरी है, ताकि समय के साथ साथ शरीर में होने वाले बदलाव को वो समझ सकें। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि जो अपने बच्चो का पालन पोषण नहीं कर सकते वह उन्हें कूड़ेदान, झाडिय़ों, सार्वजनिक शौचालय में ना फेंके। वह लोग हमारे माध्यम से बच्चों को एडॉप्ट करा सकते है। जिससे उन्हें अच्छी शिक्षा मिले और भविष्य में वे देश की प्रगति का हिस्सा बने। पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ की पहली ट्रांसज़ेंडर स्टूडेंट धनंजय चौहान ने बताया कि ट्रांसज़ेंडर एक खूबसूरत शाम की तरह होते है। उन्होंने इतिहास पर बोलते हुए कहा कि भक्ति सूफ़ी व देवदासी प्रथा शुरू करने वाले ट्रांसज़ेंडर ही थे, आज उन्हें थर्ड जेंडर बना दिया गया है। जब सब लोग एक जैसे है तो जेंडर का भेदभाव समाज में क्यों किया जाता है जबकि ट्रांसज़ेंडर्स का इतिहास में एहम रोल रहा है।

उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि ट्रांसज़ेंडर्स के लिए नौकरी में विशेष प्रावधान करें जिससे ट्रांसज़ेंडर भी अपने इंटरेस्ट और गोल को प्राप्त कर सकें। माउंटेनियर (एवरेस्टर) अनीता कुण्डू ने कहा कि इंसान अपने विचारों से आगे बड़ता है। विचारों की शक्ति से हम कोई भी उपलब्धि प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि माँ और नारी का समाज में बहुत महत्त्व है तो नारी को सशक्त बना कर हम समाज को आगे बढऩे में मदद कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/मनोज/संजीव