स्वच्छ सर्वेक्षण में पिछड़ा फरीदाबाद, 381वीं रैंकिंग मिली

 


फरीदाबाद, 12 जनवरी (हि.स.)। सफाई व्यवस्था पर हर वर्ष 140 करोड़ रुपये खर्च करने वाला फरीदाबाद नगर निगम शहर को साफ सुथरा नहीं रख पा रहा है। यही कारण है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में अपना शहर फिर पिछड़ गया है। औद्योगिक नगरी को 446 शहरों की स्पर्धा में 381वीं रैंकिंग मिली है, जबकि प्रदेश के 20 शहरों में उसका नंबर 19वां है। हमारे शहर से पीछे सिर्फ नगर परिषद थानेसर है।

इस बार की स्पर्धा में हिस्सा लेने को आबादी की संख्या की कोई सीमा नहीं थी। पिछली बार 10 लाख की आबादी वाले 45 शहरों में जिले को 36वीं रैंकिंग मिली थी। पिछडऩे के प्रमुख कारणों में नगर निगम और ईकोग्रीन की कार्यप्रणाली जिम्मेदार है। समय पर वेतन न मिलने से ईकोग्रीन के कर्मचारियों कई बार हड़ताल की। काम ठप होने से खत्तों पर कचरा फैला रहा। प्रत्येक वार्ड में गीला व सूखा कचरा अलग-अलग होने से भी स्थिति बिगड़ी रही।

शिकायत की जांच की गई तो सही पाई गई। इसके बाद कनिष्ठ अभियंता की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं। सीएम के सख्त तेवरों के बाद नगर निगम ने स्वच्छता के मामले में कुछ कदम उठाए। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जेटली और निगमायुक्त ए. मोना श्रीनिवास की निगरानी में सफाई अभियान शुरू हुआ। अधीक्षण अभियंता ओमबीर सिंह, स्वच्छ भारत मिशन के कार्यकारी अभियंता पदमभूषण तथा ओमदत्त के प्रयासों से नगर निगम के सभी वार्डों में उन चौक-चौराहों पर सेल्फी प्वाइंट बनाने की शुरुआत, जहां खत्ता हुआ करता था। पहला सेल्फी प्वाइंट पांच नंबर में बनाया गया है।

इसलिए अब नगर निगम ने वैकल्पिक व्यवस्था की है और अपने वाहनों से खत्तों से कचरा उठवाया जा रहा है, ताकि चौक-चौराहों पर कचरा न दिखाई दे। निगमायुक्त ए. मोना श्रीनिवास का कहना है कि पाली, मुजैड़ी और प्रतापगढ़ में कचरा निस्तारण प्लांट बनाया जा रहा है। अलग-अलग करके कचरे का निस्तारण किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/मनोज/संजीव