यमुनानगर: सभी जाति के साथ समरसता व समानता का व्यवहार करना चाहिए: सुरेन्द्र कुमार
-- बाबा साहेब के महापरिनिर्वाण दिवस पर हुआ भाषण प्रतियोगिता का आयोजन
यमुनानगर, 7 दिसंबर (हि.स.)। डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर गुरुवार को स्थानीय औद्योगिक शिक्षण संस्थान में मेधावी छात्रों छात्र-छात्राओं में डॉ. अंबेडकर के जीवन पर आधारित एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
पारितोषिक वितरण समारोह में मुख्य अतिथि भाजपा नेता रोचक गर्ग ने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर ने भारत के लिए एक संविधान का निर्माण किया और समाज में समरसता लाने के लिए जीवन भर संघर्ष किया। डॉ. आंबेडकर के पद चिन्ह पर चलकर युवा राष्ट्र निर्माण में सहभागी हो तब ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि हो सकती है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सेवाराम संरक्षक ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि बाल्यकाल से ही बालक भीम के साथ समाज में दुर्व्यवहार व अस्पृश्यता भेदभाव का व्यवहार किया गया। लेकिन अपनी कठिन परिश्रम से डॉक्टर अंबेडकर ने शिक्षा क्षेत्र में उच्च स्थान प्राप्त किया। प्रसिद्ध वकील प्राध्यापक सेवा में सचिव के पद पर रहते हुए भी उनके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार होता रहा। डॉ. अंबेडकर से प्रेरणा लेकर आज लाखों युवा उनके समाज में समानता के लिए काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने महिला उत्थान ,अनुसूचित जाति समाज के उत्थान किसान, मजदूर के लिए विशेष योगदान दिया।
सामाजिक समरसता के विभाग संयोजक सुरेंद्र कुमार ने कहा कि डॉ. अंबेडकर के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए उन्हें ठीक से पढ़ कर समझना होगा। उन्होंने कहा कि सभी अपने परिवार और समाज कार्य स्थल पर सभी जाति के साथ समरसता और समानता का व्यवहार करें तभी उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि हो सकती है। मौके पर महिला एवं प्रमुख नीरू चौहान, मीडिया प्रमुख मीनू चसवाल, जिला सह संयोजक रविंद्र आदि मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/अवतार/संजीव