सोनीपत में सीएम के आदेश बेअसर,ड्रेन-6 में गिराया जा रहा केमिकल युक्त पानी

 


सोनीपत, 18 अप्रैल (हि.स.)। सोनीपत में राठधाना रोड स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी)

से बिना उपचारित केमिकल युक्त गंदा पानी लगातार ड्रेन-6 में छोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री

के सख्त निर्देश और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के स्पष्ट आदेशों के बावजूद नगर

निगम की लापरवाही जारी है।

मुख्यमंत्री द्वारा 30 मार्च को दिए गए अल्टीमेटम के बावजूद

20 दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। 12 अप्रैल

को भी केमिकल युक्त पानी बिना ट्रीटमेंट के ड्रेन-6 में छोड़ा गया। नगर निगम न तो एनजीटी

के आदेश मान रहा है, न ही राज्य सरकार की सख्ती का असर दिख रहा है।

नगर निगम कमिश्नर हर्षित कुमार ने दावा किया कि नए एसटीपी

के लिए टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू होगी, जबकि निगम के एक्सईएन विजय गर्ग का कहना है

कि अब भी सात प्वाइंट बचे हैं जहां से सीवरेज का गंदा पानी सीधे ड्रेन में जाता है। पहले

30 मार्च को एक्सईएन विजय कुमार ने यह कहकर बात टाल दी थी कि एसटीपी से निकला पानी

ट्रीट किया हुआ होता है।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार नगर निगम ने बिना जानकारी दिए एक

गुप्त पाइपलाइन बिछा दी है, जिससे प्रतिदिन 8–10 एमएलडी केमिकल युक्त पानी सीधे ड्रेन

में डाला जा रहा है। जब मामला उठता है तो पाइपलाइन को अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाता

है। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, केमिकल युक्त पानी एसटीपी

की जैविक प्रक्रिया को बर्बाद कर देता है। अमोनिया, भारी धातुएं और तेल-ग्रीस जैसे

तत्व बैक्टीरिया की कार्यप्रणाली को बाधित कर सकते हैं, जिससे साफ पानी बन ही नहीं

पाता। एनजीटी के स्पष्ट निर्देश हैं कि गंदा पानी नदियों या नालों में न छोड़ा जाए,

लेकिन सोनीपत में 7 पॉइंट अब भी चालू हैं। यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो नगर निगम

पर भारी जुर्माना लग सकता है। यह मामला सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि खुलेआम

नियमों की अवहेलना है। अगर जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो इसका असर सिर्फ पर्यावरण

ही नहीं, आम जनता की सेहत पर भी पड़ेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना