बीज उपचार ग्वार फसल के जड़ गलन रोग में कारगर उपाय : डाॅ. आरके सैनी

 


सारंगपुर गांव में कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को जानकारी देकर लाभान्वित किया

हिसार, 4 मई (हि.स.)। बीज का सूखा उपचार करके बिजाई करने से ग्वार की फसल को रोग से बचाया जा सकता है। यह तरीका अपनाकर किसान अपनी फसल में होने वाले नुकसान को रोक सकते हैं।

यह बात हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग के सेवानिवृत डाॅ. आरके सैनी ने अग्रोहा खंड के गांव सारंगपुर में आयोजित कृषि शिविर में कही। शिविर का आयोजन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और हिन्दुस्तान गम एंड कैमिकल्स भिवानी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। डाॅ. सैनी ने किसानों से कहा कि भूमि में विद्यमान विभिन्न प्रकार की फंफूदों के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है। यदि दवा से बीज उपचार करके फसल बोई जाए तो इनके प्रकोप से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि ग्वार फसल के जड़ गलन रोग की फंफूद भी भूमि में रहती है जो फसल उगने के तुरन्त बाद ही जड़ों पर आक्रमण कर देती है। इसके प्रकोप से पौधे पीले पड़कर सूख जाते हैं लेकिन कार्बन्डाजिम की तीन ग्राम दवा प्रति किलो बीज के अनुसार सूखा उपचार बिजाई करें तो इस रोग से बचा जा सकता है। उन्होंने ग्वार फसल के पूर्ण विकास के लिए फसल बिजाई से पहले 25 किलो डीएपी तथा 10 किलो जिंक डालने की सिफारिश की तथा किसानों को उन्नत किस्मों के प्रयोग की सलाह दी।

शिविर में कृषि विकास अधिकारी डाॅ. उमेद सिंह ने किसानों को विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कृषि योजनाओं से अवगत कराया और किसानों के प्रश्नों का जवाब भी दिया। साथ ही नरमा कपास फसल में गुलाबी सुंडी की रोकथाम की जानकारी दी। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त डीईटीओ एवं समाजसेवी अनिल बिश्नोई ने विशेष सहयोग दिया। इस अवसर पर सरपंच रामसिंह राजपूत, नरेन्द्र कुमार, सुभाष, कृष्ण कुमार, मनोहर लाल, आत्माराम, राजेन्द्र, विजेन्द्र, इन्द्र सिंह, सतीश कुमार, सागर, विक्रम, होशियार सिंह सहित 90 किसान शामिल हुए।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव