हिसार : ग्लोबल टीचर अवार्ड पाने वाले पहले भारतीय बने डॉ. संदीप सिंहमार

 


प्रोफेसर डॉ. संदीप सिंहमार को यूनेस्को मुख्यालय में मिलेगा सम्मान

हिसार, 8 नवंबर (हि.स.)। शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में इंटरनेशनल स्तर पर अपनी पहचान बन चुके जिले के गांव कुलाना निवासी प्रोफेसर (डॉ.) संदीप कुमार सिंहमार को अब 'द यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन' (यूनेस्को) हैडक्वाटर पेरिस में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में ग्लोबल टीचर अवार्ड-2023 से सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा वह यूनेस्को हेड क्वार्टर में ही आयोजित होने वाली इंटरनेशनल कांफ्रेंस में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए 'विश्व शांति चाहिए, युद्ध नहीं' विषय पर अपना शोध पत्र भी प्रस्तुत करेंगे।

प्रोफेसर (डॉ.) संदीप सिंहमार ऐसे पहले भारतीय शिक्षाविद व साहित्यिक बन गए है, जिन्हें डायरेक्ट यूनेस्को द्वारा सम्मानित किया जा रहा है। डॉ. सिंहमार को परंबलुरु में आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में उच्चतर शिक्षा में सराहनीय योगदान को देखते हुए यूनेस्को व यूएनओ से प्रमाणित संस्था अमेरिकन रिसर्च काउंसिल से भी इंटरनेशनल अवॉर्ड मिल चुका है। शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय भूमिका निभाने वाले शिक्षकों एवं शोधार्थियों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।

एनआईआईएलएम विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर एवं हिंदी विभागाध्यक्ष के तौर पर कार्यरत डॉ. संदीप कुमार सिंहमार को ग्लोबल टीचर अवॉर्ड-2023 के लिए चयन होने पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर(डॉ.) शमीम अहमद व कुलसचिव डॉ. राजीव दहिया, चेयरमैन संदीप चहल, निदेशक डॉ. बलराज ढांडा व संदीप कुमार चहल ने खुशी जताते हुए डॉ. संदीप सिंहमार को बधाई दी। कुलपति प्रोफेसर (डॉ. शमीम अहमद ने कहा कि इस तरह के अवॉर्ड मिलने से जहां अन्य प्राध्यापकों को प्रेरणा मिलती है, वहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय का गौरव भी बढ़ा है। वर्तमान में डॉ. सिंहमार सामरिक विषयों सहित समसामयिक मुद्दों पर अपने लेख लिखते रहते हैं। इन्हीं लेखों व उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए योगदान के आधार पर अब सम्मान मिल रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर