जींद: किसान आंदोलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर

 


जींद, 22 फ़रवरी (हि.स.)। दातासिंह वाला बॉर्डर पर उग्र हुए किसान आंदोलन को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है। किसान आंदोलन के दौरान अप्रत्याशित स्थिति, परिस्थितियों से बचाव को लेकर कुल 12 चिकित्सकों की स्पेशल डयूटियां नागरिक अस्पताल में निर्धारित की गई हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में उपचार को लेकर चिकित्सकों की कमी आड़े न आए। इसके अलावा सहयोगी स्टाफ व संबंधित अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के आदेश दिए गए हैं।

किसान आंदोलन को देखते हुए शिफ्टों में चिकित्सकों की डयूटी नागरिक अस्पताल में लगाई गई हैं। गुरुवार को सुबह के समय डा. राकेश शर्मा, डा. ममीता, डा. सुमीति, ईवनिंग शिफ्ट में डा. स्तूति, डा. निशू, डा. प्रीति सिंधू, नाइट शिफ्ट में डा. यचित, डा. परमजीत, डा. अमित कुमार को तैनात किया गया है। यह चिकित्सक जींद, उचाना, खरकरामजी, अलेवा, कालवा, कंडेला व सफीदों में कार्यरत हैं। सिविल सर्जन डा. गोपाल ने बताया कि किसान आंदोलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सकों की स्पेशल डयूटियां लगा दी गई हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य अधिकारियों व स्वास्थ्य स्टाफ को भी अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार है।

अस्पताल में 55 चिकित्सकों की आवश्यकता, काम कर रहे मात्र 27

जिला मुख्यालय पर 1975 में नागरिक अस्पताल की शुरूआत हुई थी। उस समय से लेकर आजतक जिले में चिकित्सकों की कमी कभी भी दूर नहीं हुई। जींद अस्पताल की बात की जाए तो यहां 55 चिकित्सकों की आवश्यकता है लेकिन इस समय मात्र 27 चिकित्सक नियमित तौर पर काम कर रहे हैं। पांच चिकित्सक एनएचएम के तहत कार्यरत हैं। तीन चिकित्सक अब अस्पताल को छोड़ गए हैं। इनमें एक डा. गितांशु आई स्पेशलिस्ट, डा. पूनम कैजुअल्टी, व डा. सीमा वशिष्ठ बच्चों की चिकित्सक है। जिला मुख्यालय पर 200 बैड का अस्पताल बना हुआ है। वहीं, सफीदों, नरवाना तथा उचाना सब डिविजन पर 100-100 बैड के अस्पताल हैं। नागरिक अस्पताल में ओपीडी की बात की जाए तो प्रतिदिन 1200 तक की ओपीडी होती है। सोमवार व मंगलवार को ओपीडी की संख्या 1800 से दो हजार तक पहुंच जाती है।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/संजीव