ग्रामीण सफाई कर्मियों ने जींद में किया प्रदर्शन

 


जींद, 16 नवंबर (हि.स.)। अपने बकाया वेतन की मांग को लेकर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने गुरुवार को जिला परिषद की सीईओ के कार्यालय पर खाली बर्तन बजाते हुए प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बाद में मांगों से संबंधित ज्ञापन सीईओ के सुपरिटेंडेंट को सौंपा।

प्रदर्शन से पहले ग्रामीण सफाई कर्मियों ने प्रधान ईश्वर सिंह की अध्यक्षता में रोष बैठक की। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के 11 हजार सफाई कर्मचारी 17 साल से कच्चे कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं। अपनी पक्का करने की मांग को लेकर पिछले 39 दिन से कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हुए हैं, लेकिन सरकार ने इनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि जयंती के मौके पर जो घोषणा प्रदेश के मुख्यमंत्री ने की है वह नाकाफी है और एक तरह से दलित सफाई कर्मचारियों का मजाक ही किया है। जब 2014 में चुनाव लड़े जा रहे थे तब ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को पक्का करने का एक वादा भाजपा के घोषणा पत्र में शामिल था, लेकिन भाजपा सरकार को नौ साल बीत चुके हैं, पक्का करना तो दूर उल्टा यह कहा जा रहा है कि हम तो पक्के कर्मचारियों को ही कच्चा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व पंचायत मंत्री के पास ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के सवालों का कोई जवाब नहीं है, इसलिए सरकार एकतरफा घोषणा करके बातचीत से भाग रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें 501 रुपये की खैरात नहीं चाहिए, बल्कि बोनस का परमानेंट प्रबंध किया जाए। अगर समय रहते ग्रामीण सफाई कर्मचारियों से सरकार बातचीत करके समाधान नहीं करती है तो 18 नवंबर को रोहतक में राज्य स्तरीय कन्वेंशन बुला कर वहां से ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/सुमन