यमुनानगर में बाढ़ की संभावना से प्रशासन सक्रिय, डीसी ने किया गांवों का निरीक्षण

 


यमुनानगर, 31 दिसंबर (हि.स.)। पिछले वर्ष यमुनानगर जिले में आई बाढ़ से हुई भारी तबाही के बाद प्रशासन ने आगामी मानसून को लेकर अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। संभावित नुकसान को कम करने के उद्देश्य से उपायुक्त प्रीति ने बुधवार काे सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ यमुना नदी से सटे टापू कमालपुर, पोबारी, घोड़ों पीपली, जौधपुर और लापरा गांवों का दौरा किया। उपायुक्त ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में प्रस्तावित हरियाणा राज्य सूखा एवं बाढ़ राहत नियंत्रण बोर्ड की 57वीं बैठक में रखे जाने वाले बाढ़ बचाव कार्यों का मौके पर निरीक्षण किया। उन्होंने ग्रामीणों से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और भरोसा दिलाया कि बैठक में स्वीकृति मिलते ही सभी आवश्यक बाढ़ सुरक्षा कार्य मानसून से पहले पूरे कराए जाएंगे। उत्तर प्रदेश सीमा से लगे गांवों के किसानों ने बताया कि बरसात के दौरान यमुना नदी का तेज बहाव खेतों की जमीन को काटकर नदी में समाहित कर देता है। इस वर्ष भी अधिक पानी आने की आशंका को देखते हुए ग्रामीणों ने तटों को मजबूत करने की मांग उठाई। इस पर उपायुक्त ने कटाव प्रभावित क्षेत्रों में तटबंध सुदृढ़ करने और जरूरत के अनुसार स्टड लगाने के निर्देश दिए। यमुना से सटे इलाकों में हर साल दोहराई जाने वाली तबाही को रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी। अब नजर इस बात पर टिकी है कि मानसून से पहले प्रस्तावित कार्य कितनी तेजी से पूरे होते हैं और लोग बाढ़ की विभीषिका से कितना सुरक्षित रह पाते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार