हिसार : राखी गढ़ी में हड़प्पा सभ्यता और हरियाणवी संस्कृति के संगम के गवाह बनेंगे मुख्यमंत्री

 




पर्यटकों की सुविधा के लिए म्यूजियम से जोड़े

गए सभी टीले

हिसार, 24 दिसंबर (हि.स.)। हजारों साल पुरानी

सभ्यता को समेटे राखी गढ़ी देश के गौरव के रूप में विकसित हो गई है। हड़प्पा कालीन

सभ्यता और हरियाणवी संस्कृति के संगम से रूबरू होने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब

सिंह सैनी राखीगढ़ी महोत्सव में पहुंचेंगे।

कार्यक्रम को ओर ज्यादा आकर्षक बनाने लिए सरकार

की तरफ से अलग अंदाज से तैयारियां की जा रही हैं। कार्यक्रम में देश विदेश से पर्यटकों

के साथ-साथ पुरातत्वविद भी शिरकत करने पहुंचेंगे। पहली बार म्यूजियम से सभी टीलों को

एक दूसरे से जोड़ दिया गया है ताकि पर्यटकों को किसी प्रकार की परेशानी से सामना ना

करना पड़े। इससे पहले म्यूजियम व टीलों को देखने के लिए अलग अलग रास्तों से जाना पड़ता

था। अब यहां आने वाले पर्यटक म्यूजियम से सभी टीलों पर घूमने के लिए जा सकते हैं।

प्रदेश के स्कूलों के कलां और इतिहास के प्रोफेसर

राखीगढ़ी में हजारों साल पुरानी सभ्यता से रूबरू हो रहे हैं ताकि वो एक साथ मिलकर हड़प्पन

सभ्यता और हरियाणवी संस्कृति के संगम को दुनिया के सामने ला सके। राखीगढ़ी में ही यह

संगम देखने को मिल सकता है। हजारों साल पुरानी सभ्यता की धरोहर और राखीगढ़ी के ग्रामीण

आज भी हड़प्पा और हरियाणवी संस्कृति की जीती जागती मिशाल है।

करीब 32 करोड रुपए की लागत से राखीगढ़ी में साढ़े

पांच एकड़ भूमि में आधुनिक तरीके से म्यूजियम तैयार किया गया है जिसका सिविल वर्क पूरा

हो चुका है और इंटीरियर का काम अभी बाकी है। खुदाई के दौरान मिले सभी अवशेष इसी म्यूजियम

में रखे जाएंगे, जो अभी तक दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में रखे हुए हैं। कुछ सामान राखी

गढ़ी के टीले नंबर एक पर भी मौजूद हैं।

राखीगढ़ी में खुदाई के दौरान अब तक जो भी अवशेष

मिले हैं। उनकी कार्बन डेटिंग करवाई गई थी। जो की सात हजार वर्ष तक पुराने है। टीले

नंबर सात पर मिले कंकाल का डीएनए से इस बात पर मोहर लग गई थी कि यह कंकाल साढ़े चार

हजार वर्ष पुराने थे जिनका डीएनए लखनऊ के बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट और जर्मनी की सियोल

यूनिवर्सिटी में किया गया था।

एसडीएम विकास यादव ने बुधवार काे बताया कि कार्यक्रम की तैयारियां

जोर-जोर से की जा रही है। कार्यक्रम का शुभारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह

सैनी पहुंचेंगे। बाहर से आने वाले पर्यटकों को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो इसके

लिए सभी विभागों के अधिकारियों से बैठक की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर