सिनेमा, संस्कृति और स्वाद का संगम बना रहा तीन दिवसीय फिल्म फेस्टिवल

 


हरियाणवी गायक विनोद पनिहारी ने दादा लख्मीचंद सभागार में मचाया धमाल

चंडीगढ़, 25 फरवरी (हि.स.)। पांचवां अखिल भारतीय चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल सही मायने में तीन दिन तक सिनेमा, संस्कृति और स्वाद का संगम बना रहा। तीन दिनों में 133 फिल्में चार विशेष थिएटरों में प्रदर्शित की गईं। इस दौरान ज्यूरी ने इनमें से 29 पुरस्कारों के लिए चयन किया।

पंचकूला में हरियाणा टूरिज्म का कांप्लेक्स में फिल्मों की स्क्रिनिंग के साथ हरियाणवी गीत संगीत, खान पान, व्यंजनों के अलावा मूर्ति कला,कठपुतली शो,बाइस्कोप का भी आनंद लिया। ढोल मंजीरे, सामूहिक हरियाणवी लोक गायन करती महिला मंडली एवं बीन की धुन के साथ पूरा फेस्टिवल तीन दिन तक मस्ती में सराबोर रहा। दादा लख्मीचंद सभागार में हिमाचल पुलिस का बैंड हो या विनोद पनिहारी दमदार हरियाणवी प्रस्तुति सभी खास रहीं। इनमें मोहालीवासी छात्रा शिल्पा राय की लाइव मूर्ति बनाने की कला,लुधियाना वासी शिवानी गुप्ता की टैटू बनाने की कला और चंडीगढ़ की छात्रा नूर के लाइव स्कैच ने भी फेस्टिवल में आए लोगों को अपनी ओर खींचा। सभी में होड़ थी कि किसी तरह वह इनसे अपनी मूर्ति,स्कैच और बाजुओं पर मनपसंद टैटू तैयार तैयार करा लें।

पिता से विरासत में मिली कला

चंडीगढ़ सेक्टर 10 स्थित गवर्मेंट कालेज आफ आर्ट की अंतिम वर्ष की छात्रा शिल्पा राय ने बताया कि उन्हें यह कला विरासत में मिली है, लेकिन उनका परिवार मूल रूप से बंगाल का रहने वाला है और उनके पिता सुब्रोतो राय भी मोहाली में देवी देवताओं, महापुरुषों, जीव जंतुओं की मूर्तियां तैयार करते हैं।

फिल्म फेस्टिवल में प्रतिभा दिखाने का मिला अवसर

कालेज की अध्ययन यात्रा के दौरान नेशनल फिल्म फेस्टिवल के बीच अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलना मेरे लिए सौभाग्य का विषय रहा। तीन दिन फिल्म फेस्टिवल के दौरान उसने कई के मिट्टी मूर्ति तैयार की।शिल्पा ने बताया कि यह उसके लिए पहला मौका था,जब इतने बड़े प्लेटफार्म पर अपनी कला को प्रस्तुत किया।जिन लोगों के पुतले तैयार किए थे, उन्होंने उसका उत्साह भी बढ़ाया।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील