हिसार की बेटी डा. नेहा छाबड़ा के आविष्कार को मिला पुरस्कार

 


अन्वेषण 2023-24 इंटरनेशनल स्टूडेंट रिसर्च कन्वेंशन में प्रथम पुरस्कार मिला

हिसार, 15 मार्च (हि.स.)। यहां के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से रिटायर्ड साइंटिस्ट डॉ. एमएल छाबड़ा की पुत्री डॉक्टर नेहा छाबड़ा ने हिसार का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। डा. नेहा के आविष्कार को मुंबई में एसोसिएशन आफ इंडियन यूनिवर्सिटीज नई दिल्ली और डिपार्मेंट आफ स्टूडेंट्स डेवलपमेंट, यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अन्वेषण 2023-24 इंटरनेशनल स्टूडेंट रिसर्च कन्वेंशन में प्रथम पुरस्कार मिला है।

महाराष्ट्र के महानगर मुंबई में स्थित वीईएस कॉलेज आफ फार्मेसी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्य कर रही डॉक्टर नेहा छाबड़ा हरियाणा की धरती से निकलकर महान कार्य कर रही हैं। डॉक्टर छाबड़ा को यह प्रथम पुरस्कार उनकी खोज एक इको फ्रेंडली स्लीपिंग बैग के लिए दिया गया है जिसके माध्यम से नवजात बच्चों में हाइपोथर्मिया का इलाज बिना बिजली के किया जा सकेगा। गरीब और पिछड़े इलाकों में बिना बिजली के भी इस स्लीपिंग बैग के माध्यम से नवजात बच्चों का इलाज किया जा सकेगा।

डॉक्टर नेहा छाबड़ा ने शुक्रवार को इस बारे में बताया कि उन्होंने अपने चार स्टूडेंट्स के माध्यम से एक रिसर्च प्रोडक्ट शुरू किया था। इसमें ऐसे गरीब नवजातों के लिए एक स्लीपिंग बैग उन्होंने तैयार किया, जो उन्हें हाइपोथर्मिया से बचा सकता है। इस स्लीपिंग बैग के लिए उन्होंने पेटेंट भी फाइल किया हुआ है। यह स्लीपिंग बैग रियूजेबल व इको फ्रेंडली भी है। इस प्रोजेक्ट को उन्होंने आंचल नाम दिया है।

उनके इसी प्रोजेक्ट के लिए सोशल साइंस, ह्यूमैनिटी, कॉमर्स एंड लाॅ (आबजेक्टिव एंड रिसर्च ओरिएंटिड प्रोजेक्ट) की कैटेगरी में उन्हें प्रथम पुरस्कार मिला है। उन्हें अपनी कैटेगरी में तो प्रथम पुरस्कार मिला ही है, साथ ही पांच कैटेगिरी की संयुक्त प्रतियोगिता में भी प्रथम पुरस्कार मिला है। उन्होंने बताया कि वह शादी के बाद से पिछले 10 साल से मुंबई में रह रही हैं। उन्होंने हरियाणा से ही बी-फार्मेसी और एम-फार्मेसी करने के बाद मुंबई से पीएचडी की थी और फिलहाल मुंबई यूनिवर्सिटी से एसोसिएटेड कॉलेज में फार्मेसी की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।

हिसार में सेक्टर 13 निवासी रिटायर्ड साइंटिस्ट डॉक्टर एमएल छाबड़ा ने बताया कि उनकी बेटी ने अपने शोध प्रोजेक्ट्स की वजह से राज्य स्तर स्वर्ण पदक, भारतीय विश्वविद्यालय संघ पश्चिम क्षेत्र का रजत पदक, भारतीय विश्वविद्यालय संघ का राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक व भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित सभी विषयों के समूह में स्वर्ण पदक हासिल किए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव