यमुनानगर: चार साहिबजादों की शहादत जुल्म के खिलाफ एक मिसाल: कंवरपाल

 




















यमुनानगर, 24 दिसंबर (हि.स.)। सभी को गुरुओं के दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए। धर्म व देश के लिए कुर्बानी देने वाले अमर हो जाते हैं व उन्हें दुनिया हमेशा याद रखती है। गुरु तेग बहादुर जी, गुरु गोबिद सिंह जी, माता गुजरी जी व चार साहिबजादों की शहादत जुल्म व अत्याचार के खिलाफ एक मिसाल है, जो दुनिया के अंत तक याद रहेगी। यह बात पर्यटन एवं शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने रविवार को गुरुद्वारा साहिब भंभौली में चार साहिबजादों की याद में आयोजित सालाना जोड़ मेले में संगत को संबोधित करते हुए कही। केबिनेट मंत्री ने गुरुद्वारा साहिब में माथा टेका और लंगर भी ग्रहण किया।

मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि धर्म की खातिर खुशी-खुशी शहादत और जंग में दुश्मनों को धूल चटाने वाले गुरु गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों के बारे में शायद ही कोई ऐसा होगा, जो नहीं जानता होगा। जहां गुरुजी के दो बड़े साहिबजादे जंग में लड़ते हुए शहीद हो गए, वहीं दो छोटे साहिबजादों को जिंदा दीवार में चिनवा दिया गया। वह नन्हीं जान अपने पीछे आज एक मिसाल कायम करने वाले पदचिह्न छोड़ गए हैं। हमें हमेशा उनकी शहादत को सिमरण रखना चाहिए। अपने पूरे परिवार को देश और धर्म के लिए बलिदान करने वाले

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की कहानी युगों युगों तक याद की जाती रहेगी। गुरु गोबिंद सिंह ने अत्याचार के खिलाफ जंग लड़ी। हम सबको उनके दिखाए हुए मार्ग पर चलना चाहिए। उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। संगत ने माथा टेका और प्रशाद ग्रहण किया। गुरुद्वारा के संत जसदीप सिंह ने सालाना जोड़ मेला हर साल गुरुद्वारा में उनकी याद में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/अवतार/संजीव