यमुनानगर: चनेटी बौद्ध स्तूप बौद्ध धर्म की धरोहर: किरमिच

 


--बौद्ध स्तूप धार्मिक,सामाजिक,पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण

यमुनानगर,16 सितंबर (हि.स.)। हरियाणा सरस्वती हैरिटेज बोर्ड डिप्टी चेयरमैन धूमन सिंह किरमिच ने शुक्रवार को जिला यमुनानगर के चनेटी बौद्ध स्तूप का दौरा किया। डिप्टी चेयरमैन धूमनसिंह किरमिच ने बौद्ध स्तूप की परिक्रमा की व बुद्ध स्तूप व उसके आसपास के क्षेत्र का बारीकी से निरीक्षण किया। धूमन सिंह किरमिच ने बताया की गांव के लगभग 100 वर्ग मीटर के क्षेत्र में लगभग 8 मीटर की ऊंचाई वाला यह एक विशाल स्तूप है।

उन्होंने कहा कि ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण सम्राट अशोक ने स्वयं करवाया था। यह गोलाकार में बना हुआ है। यह बौद्ध स्तूप अद्भुत संरचना है देखने पर यह लगता है कि इस स्तूप का निर्माण करने के लिए उस समय बहुत ज्यादा मेहनत की गई थी। देखने से पता चलता है कि निर्माण के दौरान गाढ़ी परतो को एक दूसरे पर रखा गया होगा। हर बार अंतर्निहित परत पर कुछ जगह छोडी गई है। इस स्तूप के चारों ओर पत्थर के रेलिंग का कोई निशान नहीं दिखा है।

उन्होंने बताया की हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ऐतिहासिक जगहों को पूरा महत्व दे रहे है। उन्होंने कहा कि जल्द ही यहां पर आने वाले पर्यटकों के लिए अच्छी सुविधाओं और विराम गृह की व्यवस्था पर सारी स्थिति का अध्ययन करेंगें। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने प्राचीन सरस्वती नदी के लिए कई योजनाएं तैयार की है। उससे प्राचीन सरस्वती नदी धरातल पर बहने लगी है,सरस्वती नदी के उद्गम स्थल आदिबद्री में कई योजनाएं शुरू की गई है। जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आने लग गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/अवतार/संजीव