हिसार: कृषि शिक्षा पढ़ाई के साथ समाज सेवा का भी माध्यम: बंडारू दत्तात्रेय
चांसलर-स्कॉलर इंटरेक्शन मीट में कुलाधिपति ने जानी शोध संबंधी प्रगति
हिसार, 5 फरवरी (हि.स.)। प्रदेश के राज्यपाल एवं हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि कृषि शिक्षा न केवल पढ़ाई है बल्कि समाजसेवा का एक माध्यम है। कृषि छात्र ने केवल लाभ की बल्कि जनसेवा में भी विशेष योगदान देते हैं। विश्वविद्यालय के शोधार्थियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी और उनके विचार बहुत नवाचार व बहुत प्रभावी है। वे सोमवार को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में चांसलर-स्कॉलर इंटरेक्शन मीट के अवसर पर संबोधन दे रहे थे।
कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय के शोधार्थियों से उनकी शोध संबंधी प्रगति को जाना व शोध करने में आने वाली समस्याओं का पूछा। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के आधुनिक दौर में हम सबको यह समझना चाहिए कि कृषि न केवल खेती बल्कि यह जीवन जीने का एक स्थाई तरीका है। विश्वविद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय न केवल बढ़ती जनसंख्या का भरण पोषण करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है इसके साथ ही खाद्य गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दे रहा है।
उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हे इस महान विश्वविद्यालय का विद्यार्थी होने पर गर्व होना चाहिए व समाज सेवा की भावना से काम करते हुए अपने जीवन को समाज के विकास के प्रति समर्पित करना चाहिए। यह बडे हर्ष की बात है कि विश्वविद्यालय के 146 स्नातक विद्यार्थियों ने चैक गणराज्य, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूएएस, पोलैंड के विभिन्न प्रमुख संस्थानों में अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण पूरा किया है।
राज्यपाल ने अपने स्वयं का उदहारण देते हुए बताया कि वे स्वयं एक गरीब परिवार में जन्में व काफी संघर्ष के साथ उन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त की। शिक्षा के बाद उन्हे बैंक में अधिकारी के तौर पर नियुक्ति मिली लेकिन अपनी मां के आशीर्वाद के बाद उन्होंने नौकरी की बजाए समाजसेवा को चुना। इसी के बदौलत वह आज इस मुकाम पर है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा कि इस चांसलर-स्कॉलर इंटरेक्शन मीट से शोधार्थियों को और अधिक केंद्रित होकर काम करने की प्रेरणा मिलेगी व किसानों से जुड़ी समस्याएं व समाज के लिए निस्वार्थ भाव से काम करने की प्रेरणा मिलेगी। विश्वविद्यालय हमेशा किसानों के हित के लिए उच्च गुणवत्ता वाले शोध करता रहा है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी, वैज्ञानिक, शिक्षकविद् व शोधार्थी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों के विभिन्न विभागों के पीएचडी कर रहे शोधार्थियों ने अपने-अपने शोध के विषयों को बताते हुए विचार सांझा किए।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव