माता सावित्री बाई फूले ने सामाजिक कुरीतियों व अन्याय के खिलाफ किया कड़ा संघर्ष : एडवोकेट विनय विश्नोई
न्यायिक परिसर में वकीलों ने केक काटकर मनाया माता सावित्री बाई फूले का जन्मदिन
हिसार, 3 जनवरी (हि.स.)। जिला न्यायिक परिसर में देश की पहली महिला शिक्षिका माता सावित्री बाई फूले का जन्मदिन वकीलों ने सादगी से केक काटकर मनाया। इस अवसर पर पहुंचे जिला बार एसोसिएशन के नव निर्वाचित प्रधान एडवोकेट विनय विश्नोई, उपप्रधान एडवोकेट विनोद कसंवा, सचिव एडवोकेट गौरव बेनीवाल, सहसचिव एडवोकेट प्रवीन नैन, केशियर एडवोकेट दिक्षेश जाखड़ ने माता सावित्री बाई फूले के सामाजिक योगदान को याद किया।
जिला बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट विनय विश्नोई ने कहा कि माता सावित्रीबाई फुले ने अपने पति ज्योतिबा फूले के साथ मिलकर बालिकाओं, दलितों और वंचित वर्गों की शिक्षा के लिए अनेक स्कूल खोले और चलाए। उन्होंने 1848 में पुणे में देश के पहले बालिका विद्यालय की स्थापना की, जिसमें वे स्वयं प्रिंसिपल थीं। उन्होंने बाद में 17 ऐसे स्कूल खोले, जहां विभिन्न जातियों के बच्चों और बेटियों को न केवल शिक्षा दी गई, बल्कि पढ़ने के लिए वजीफा तक भी दिए गए। एडवोकेट विनय ने कहा कि माता सावित्रीबाई फुले ने अपने समय की सामाजिक कुरीतियों और अन्यायों के खिलाफ भी आवाज उठाई। उन्होंने विधवा पुनर्विवाह, बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, छुआछूत, जाति-व्यवस्था, स्त्री-पुरुष असमानता आदि मुद्दों पर जनजागरण किया और शिक्षा के माध्यम से समाज को बदलने का प्रयास किया। वे एक कवयित्री भी थीं, जिन्होंने मराठी भाषा में अनेक कविताएं लिखीं, जिनमें उनके जीवन के अनुभव, उनकी भावनाएं और उनके सामाजिक सन्देश समाहित हैं।
इस अवसर पर एडवोकेट रेखा जाटव, एडवोकेट संदीप बूरा, एडवोकेट भावना गुप्ता, एडवोकेट सुदेश वर्मा, एडवोकेट नीलम भूटानी, एडवोकेट मंगलाराम व एडवोकेट बजरंग इंदल सहित अन्य उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव