हिसार : ओशोधारा ने विपश्यना ध्यान के साथ नववर्ष का उत्सव मनाया : आचार्या मां साक्षी

 


हिसार, 1 जनवरी (हि.स.)। ओशो सिद्धार्थ फाउंडेशन के तत्वाधान में ओशोधारा मैत्री संघ ने सोमवार को अपने कौशिक नगर स्थित साधना केंद्र में ध्यान के साथ नव वर्ष पर रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया। आचार्या मां साक्षी ने विपश्यना ध्यान करवाते हुए बताया कि विपश्यना ध्यान एक बौद्ध ध्यान प्रणाली है, जिसे गौतम बुद्ध द्वारा स्थापित किया गया था।

उन्होंने कहा कि यह ध्यान पद्धति विशेषकर विपश्यना भावना के माध्यम से समझा जाता है, जिसमें योगी अपने शारीरिक और मानसिक अनुभवों का साक्षात्कार करता है। यह ध्यान विशेषकर संवेदनशीलता और सत्य के प्रति जागरुकता की ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है।

विपश्यना ध्यान का मुख्य उद्देश्य अनित्य, दुख, और अनात्मा की अद्वितीयता का अनुभव करना है। यह ध्यान करने वाले को अपने शारीरिक और मानसिक अनुभवों को ध्यान में लाने की कला सिखाता है। व्यक्ति को यह अनुभव होता है कि सभी चीजें अनित्य हैं, जिससे उसमें आसक्ति और मोह कम होता है। विपश्यना ध्यान का प्रशिक्षण समय सीमित होता है और विशेष शिक्षकों के मार्गदर्शन में किया जाता है। ध्यान के दौरान, योगी को विभिन्न शारीरिक और मानसिक अनुभवों के साक्षात्कार होते हैं और वह अनुभवों को साक्षरता और समझ के माध्यम से समर्पित करता है।

ध्यान के बाद साधना केंद्र पर नव वर्ष का उत्सव मनाया जिसमें मौजूद साधकों ने अपने गायन व नृत्य से सभी का मन मोह लिया। इस अवसर पर ओशोधारा हरियाणा के संयोजक सुभाष ने नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए विश्व शांति व सभी के समृद्धि की कामना की तथा बताया कि ध्यान ही सब तालों की चाबी है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव