फरीदाबाद में मासूम बच्चों की हत्या के दाेषी पिता व सौतेली मां को उम्र कैद
फरीदाबाद, 5 दिसंबर (हि.स.)। जिला सत्र न्यायालय ने अपने दो मासूम बच्चों की कुएं में फेंककर गला दबाकर हत्या करने वाले पिता भगत सिंह और उसकी सौतेली पत्नी आशा को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 के तहत 20 हजार रुपए और धारा 120 बी के तहत 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला एडिशनल सेशन जज सुरेंद्र कुमार की अदालत ने लगभग दो वर्ष लंबी सुनवाई के बाद सुनाया।
18 मई 2023 को दांव सीकरी निवासी धीरेंद्र शगुन गार्डन के पीछे से गुजर रहे थे, तभी उन्हें कुएं पर भीड़ दिखाई दी। पास जाकर देखा तो एक युवक कुएं में अपने दो बच्चों—निक्की (7) व बिंदू (5)—का गला पैरों से दबा रहा था। धीरेंद्र रस्सी से कुएं में उतरे और दोनों बच्चों व युवक को बाहर निकाला, लेकिन तब तक दोनों बच्चों की मौत हो चुकी थी। इस वारदात की जानकारी तुरंत पुलिस को दी गई।
पुलिस पूछताछ में आरोपी पिता भगत सिंह ने स्वीकार किया कि पहली पत्नी कौशल की मौत के बाद उसने आशा से दूसरी शादी की थी। आशा बच्चों को लेकर लगातार झगड़ा करती थी। इसी विवाद के चलते दोनों ने बच्चों को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। योजना के तहत भगत अपने दोनों बच्चों को कुएं में लेकर कूद गया। उसे भरोसा था कि पानी कम होने के कारण वह बच जाएगा और बच्चे डूब जाएंगे। जब बच्चे नहीं डूबे तो उसने पैर से बच्चों की गर्दन दबाकर उनकी हत्या कर दी।
असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी महेश छाबड़ी के अनुसार मामले में कुल 19 गवाह पेश किए गए। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था क्योंकि किसी ने भी भगत को बच्चों के साथ कुएं में कूदते नहीं देखा था, लेकिन बच्चों को कुएं से निकालते समय बने वीडियो, फोरेंसिक रिपोर्ट और अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्य कोर्ट में निर्णायक साबित हुए। इन्हीं सबूतों के आधार पर अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया और मामले को जघन्य अपराध की श्रेणी में माना। मामले में बच्चों के मामा लाखन सिंह ने बताया कि पहली पत्नी कौशल की मौत जलने से हुई थी। इसके बाद दोनों बच्चे उनके घर पर करीब एक वर्ष तक रहे। फिर भगत सिंह ने दूसरी शादी की और बच्चों को अपने पास बुला लिया। इसके बाद बच्चों को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद बढ़ता गया और अंततः इस विवाद ने दो मासूमों की जान ले ली। अदालत का यह फैसला समाज के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि बच्चों के प्रति जघन्य अपराध करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / गुरुदत्त गर्ग