एमएसपी मुद्दा : हरियाणा में भाजपा के मास्टरस्ट्राेक से विपक्षी दल चित्त

 


मनोहर के तरकश से नायब ने चलाया एमएसपी का तीर

विरोधी अब अपने भाषण की स्क्रिप्ट बदलने में लगे

चंडीगढ़, 5 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा में अब 24 फसलों की खरीद एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर होगी। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है। यह फैसला भाजपा सरकार के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है। जिसका असर तीन महीने बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव में साफ तौर से नजर आएगा। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 4 अगस्त को कुरुक्षेत्र में आयोजित विजय शंखनाद रैली में इसका एलान किया तो विपक्ष अपने भाषण की स्क्रिप्ट बदलने में लग गया। एमएसपी ऐसा मुद्दा था, जिसे साल 2019 के विधानसभा चुनाव में भी तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहरलाल अपनी समझदारी से विपक्ष के हाथों से छिनने में कामयाब हो गए थे। इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार से कदमताल करते हुए अपने साढ़े 9 साल के शासन में कांग्रेस और इनेलो को विधानसभा के अंदर और सड़कों पर इस मुद्दे पर बैकफुट पर रखा। उन्होंने एमएसपी पर बजाय शोर मचाने के बेहद संजीदगी से काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने नवंबर 2023 में गन्ने के एमएसपी को 372 से बढ़ाकर 386 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था। साथ ही 2024 के लिए भी गन्ने का एमएसपी 386 से बढ़ाकर 400 रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा की। जिसकी सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हुईं। इतना ही नही फरवरी 2024 में बजट पेश करते हुए मनोहर लाल ने किसानों के कृषि ऋण पर ब्याज और लघु माफ करने की घोषणा कर दी। उनका इरादा किसानों को हर लिहाज से आर्थिक तौर पर मजबूत करना था। जिसे पूर्व मंत्री किरण चौधरी ने भी सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है। किरण चौधरी लंबे समय तक कांग्रेस में किसानों के मसलों पर रणनीति का हिस्सा रही है और अब मनोहरलाल से प्रभावित होकर भाजपा में आ चुकी है।

कृषि विशेषज्ञों का भी मानना है कि अप्रैल 2021 में भी मनोहरलाल ने किसानों के प्रति बड़ा दिल दिखाते हुए 10,769 किसानों को एक दिन की देरी से किए भुगतान पर ब्याज के रूप में 7,80,000 रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया। साथ ही एलान किया की फसल खरीद का 72 घंटे में भुगतान न होने पर 9 फीसदी ब्याज मिलेगा। यह देश की पहली सरकार थी जिसने इस तरह का कदम उठाया है। वर्तमान में मनोहर लाल केंद्रीय मंत्री है लेकिन उनकी किसानों के प्रति भावनात्मक सोच को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 24 फसलों पर एमएसपी का एलान करके मजबूत कर दिया है। मुख्यमंत्री पद छोड़ने से पहले मनोहरलाल किसान संगठनों के साथ मिलकर 10 ओर अन्य फसलों की एमएसपी पर खरीद को लेकर काफी चर्चाए कर चुके थे। 14 फसलों पर उनकी सरकार पहले से एमएसपी पर खरीद करती आ रही है, जबकि उनके पड़ोसी राज्य पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार में इतनी फसलों पर अभी तक एमएसपी नही है। कुल मिलाकर 4 अगस्त को कुरुक्षेत्र की भूमि से सीएम नायब सिंह सैनी ने विजय शंखनाद रैली में 24 फसलों पर एमएसपी का एलान करके कांग्रेस, आप, इनेलो और जजपा की रणनीति को बदलने के लिए मजबूर कर दिया है। विपक्ष अब इसका क्या तोड़ निकालेगा यह देखने वाली बात होगी।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा / सुनील कुमार सक्सैना