बहादुरगढ़ में छठ पूजा की तैयारी शुरू, करवाई घाटों की सफाई
-शहर में रह रहे पूर्वांचल के दो लाख से अधिक मना रहे हैं छठ पर्व
झज्जर, 15 नवंबर (हि.स.)। जिले में लोक आस्था के छठ पर्व को मनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई हैं। जिले में प्रमुख रूप से झज्जर, बहादुरगढ़ व बादली में छठ पूजा कार्यक्रम होंग। लेकिन सबसे अधिक व्यापक स्तर पर छठ पर्व बहादुरगढ़ में मनाया जा रहा है। इस औद्योगिक नगरी में पूर्वांचल के दो लाख से अधिक लोग रहते हैं।
छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर से नहाय खाय के साथ शुरू होगी। बुधवार को पूर्व विधायक नरेश कौशिक की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने बहादुरगढ़ माइनर के किनारे मुख्य छठ पूजा घाट की सफाई की। माइनर के पास बने छठ पूजा घाट पर पूर्व विधायक नरेश कौशिक के नेतृत्व में बुधवार को स्वच्छता अभियान चलाया गया। पूर्व चेयरमैन कर्मवीर राठी, शहरी मंडल अध्यक्ष कृष्ण चंद्र, भाजपा के पूर्वांचल प्रकोष्ठ के जिला संयोजक पूर्व पार्षद हरिमोहन धाकरे व केके मिश्रा समेत पूर्वांचल मूल के भी काफी लोग छठ पूजा घाट स्वच्छता अभियान में कौशिक के साथ रहे। कौशिक ने बताया कि 17 से 20 नवंबर तक पूर्वांचलवासियों की ओर से छठ महापर्व उमंग व उत्साह के साथ मनाया जाएगा। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी छठ पूजा घाटों पर पूरी व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं ताकि लोक आस्था के इस महापर्व पर लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हों।
इन दिनों में होगा कार्यक्रम
पहला दिन, नहाय-खाय : छठ पूजा की शरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से होती है। पहले दिन नहाय खाय होता है। जो इस बार 17 नवंबर को है। दूसरा दिन, लोहंडा और खरना : लोहंडा और खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को होता है। जो इस बार 18 नवंबर को है।तीसरा दिन, छठ पूजा संध्या अर्घ्य : छठ पूजा का मुख्य दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को होता है। इस दिन शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस वर्ष छठ पूजा 19 नवंबर को है।चौथा दिन, सूर्याेदय अर्घ्य : छठ पूजा का अंतिम दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को होता है। इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। उसके बाद पारण कर व्रत को पूरा किया जाता है जो 20 नवंबर को है।
हिन्दुस्थान समाचार/शील/संजीव