हिसार : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय अब तैयार करेगा भविष्य के शिक्षक

 


हिसार, 29 नवंबर (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (गुजविप्रौवि) अब भविष्य के शिक्षक भी तैयार करेगा। विश्वविद्यालय में आगामी शैक्षणिक सत्र से बीएससी-बीएड तथा बीए-बीएड कोर्स भी शुरू करेगा। इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई), दिल्ली ने विश्वविद्यालय को एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) के लिए मान्यता दे दी है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने इसे विश्वविद्यालय के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा है कि यह मान्यता गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता के लिए एक नई पहचान है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों को उनकी शैक्षणिक यात्रा की शुरुआत से ही आवश्यक कौशल एवं ज्ञान के साथ सशक्त बनाने के लिए आईटीईपी ने बीएससी-बीएड तथा बीए-बीएड के विषयों को विलय करते हुए एक व्यापक चार वर्षीय बैचलर ऑफ एजुकेशन कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय में एक सौ सीटें होंगी, इनमें से 50 सीटें कला संकाय के विद्यार्थियों तथा 50 सीटें विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों के लिए आवंटित होंगी।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि आईटीईपी को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के सिद्धांतों व उद्देश्यों के अनुरूप डिजाइन किया गया है, जिसमें बहुविषयक दृष्टिकोण और आईसीटी-सक्षम शिक्षा शास्त्र का लाभ उठाने पर बल दिया गया है। विश्वविद्यालय भविष्य के शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने, अत्याधुनिक पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाने, अनुसंधान तथा अन्य बुनियादी जानकारियों को उपलब्ध कराने के साथ-साथ उच्च स्तरीय शिक्षा के मानकों को स्थापित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने कहा कि आईटीईपी का लक्ष्य ऐसे सर्वगुण संपन्न शिक्षकों को तैयार करना है, जो पारंपरिक ज्ञान व आधुनिक शिक्षा शास्त्र के बीच संतुलन बनाकर उन्हें एआई-जनित सामग्री सहित तकनीकी प्रगति से उत्पन्न चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए तैयार करते हैं। उन्होंने बताया कि बीएससी-बीएड व बीए-बीएड पाठ्यक्रम में दाखिले एनटीए पोर्टल के माध्यम से राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की प्रवेश परीक्षा से होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/सुमन/सुनील