हिसार : पशुपालन को व्यवसाय के रूप में अपनाकर आगे बढ़ें : डॉ. सज्जन सिहाग
अनुसूचित जाति के बेरोजगार युवाओं के लिए प्रशिक्षण का आयोजन
हिसार, 13 दिसंबर (हि.स.)। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय
के पशु पोषण विभाग में अनुसूचित जाति के बेरोजगार युवाओं के लिए सात दिवसीय निशुल्क
प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समापन अवसर पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र
वितरित किए गए।
यह सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘संतुलित आहार एवं खनिज मिश्रण का पशुपालन
में महत्व’ विषय पर आधारित था,
जिसमें कुल 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कुलपति प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार वर्मा के
मार्गदर्शन में आयोजित इस प्रशिक्षण का उद्देश्य पशुपालन के माध्यम से युवाओं एवं किसानों
की आय में वृद्धि करना है। समापन समारोह में शनिवार काे विभागाध्यक्ष डॉ. सज्जन सिहाग ने प्रतिभागियों को पशुपालन
को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा
के कारण रोजगार के अवसर सीमित होते जा रहे हैं, ऐसे में पशुपालन युवाओं के लिए एक सशक्त
वैकल्पिक आजीविका का माध्यम बन सकता है।
डॉ. सिहाग ने कहा कि भारत विश्व में कुल दूध उत्पादन
में प्रथम स्थान पर है, फिर भी प्रति पशु दूध उत्पादन में कई देशों से पीछे है। उन्होंने
सभी पशुपालकों से अपील की कि वे अपने पशुओं को प्रतिदिन 50 से 100 ग्राम खनिज मिश्रण
अवश्य दें। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पशु पोषण विभाग पशुओं में विशिष्ट खनिजों
की कमी को ध्यान में रखते हुए उत्तम गुणवत्ता का खनिज मिश्रण तैयार कर किसानों को सस्ते
दामों पर उपलब्ध करवा रहा है, जिससे किसान लाभान्वित हो रहे हैं। डॉ. सिहाग ने प्रशिक्षणार्थियों
को आश्वस्त किया कि विभाग भविष्य में भी उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन एवं सहयोग प्रदान
करता रहेगा।
प्रशिक्षण संयोजक डॉ. नैंसी श्योराण एवं सह-संयोजक डॉ. ज्योत्सना ने बताया
कि प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को खनिज मिश्रण एवं संतुलित आहार तैयार करने, पशु
आहार निर्माण तथा पशु पोषण के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त
प्रतिभागियों को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए बैंक ऋण से संबंधित सुविधाओं की भी
जानकारी प्रदान की गई। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. निलेश सिंधु ने बताया
कि लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा युवाओं को स्वरोजगार
से जोड़ने के लिए निरंतर ऐसे उपयोगी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने
कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना
एवं पशुपालन क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर