ट्रैवल एजेंट ने कैथल के साथ युवकों को रूस यूक्रेन युद्ध में धकेला
बाप ने जमीन बेचकर विदेश भेजा था बेटों को
सीबीआई ने मानव तस्करी का मामला दर्ज कर शुरू की जांच
कैथल, 17 मार्च (हि.स.)। चंद रुपयों के लालच में एक ट्रेवल एजेंट ने कैथल के गांव मटोर के सात युवकों को रूस यूके्रन युद्ध में धकेल दिया। इनमें से एक युवक को गोली लगी है। जो अस्पताल में उपचाराधीन है। घायल युवक का नाम साहिल बताया गया है। सीबीआई ने इस मामले में मानव तस्करी का केस दर्ज करके जाचं शुरू कर दी है। बताया गया है कि साहिल के पिता बाग सिंह ने उसे विदेश भेजने के लिए अपनी आधा एकड़ जमीन बेची थी। एजेंट ने बाग सिंह से दस लाख रुपए लेकर उनके बेटे साहिल को रूस और युक्रेन युद्ध में धकेल दिया।
जानकारी के अनुुसार रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में इन बेरोजगार युवाओं को टारगेट करके ही विदेश में अच्छी सैलरी का प्रलोभन देकर भेजा गया था। साहिल के पिता को भी यही बताया गया था कि उनके बेटे साहिल को सामान लोडिंग और अनलोडिंग करना है, लेकिन कुछ दिन की ट्रैनिंग के बाद उसे जबरन इस युद्ध में उतार दिया। बाग सिंह का कहना था कि बेरोजगारी के कारण उसने अपने बेटे को विदेश भेजा था ताकि उसे रोजगार मिल सके लेकिन उसे वहां काम नहीं मिला तो ऐजेंट ने उसे आगे भेज दिया। अब साहिल युद्ध में फंस गया है। उसका फोन भी जब्त कर लिया गया। इसी प्रकार टैक्सी चलाकर अजय का भाई भी एजेंटों की भेंट चढ़ गया और वह भी इस युद्ध में जा फंसा। अजय ने बताया कि उसने एजेंट को दस लाख देकर अपने भाई रवि को विदेश भेजा था। जिसे जबरन युद्ध में धकेल दिया गया। उसका भाई रशियन आर्मी में भेज दिया गया है। हमारी अब उससे कोई बातचीत नहीं हो रही। उसने आखिरी बातचीत में बताया कि वह लड़ाई में जा रहा है।
15 दिन की ट्रेनिंग के बाद ले गए युद्ध जोन में
घायल साहिल के भाई अमन ने बताया कि उसका भाई साहिल बेरोजगारी के कारण यहां से रूस गया था। एजेंट उसे ट्रक से सामान लोड करने की बात कहकर लेकर गया था। वहां जाने के बाद साहिल से रशियन भाषा में एक कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया गया। उसके बाद उसकी सेना में 15 दिन ट्रेनिंग करवाई गई और फिर उसे युद्ध जोन ले जाया गया। उसके बाद हमारा उससे संपर्क टूट गया। एक महीने बाद उसने एक अंजान नंबर से हमें फोन करके बताया कि वह घायल हो गया है और उसके पांव में गोली लगी है। उसने बताया कि उनसे जबरदस्ती करके युद्ध लड़ाया जा रहा है। हम सरकार से उसे वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ नरेश/संजीव