जींद: बृजेंद्र सिंह के कांग्रेस में आने से कांग्रेस को मिली उचाना सहित जींद में संजीवनी
जींद, 15 मार्च (हि.स.)। 2014 में विस चुनाव से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह परिवार द्वारा कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद कांग्रेस उचाना ही नहीं, बल्कि पूरे जींद जिले में हाशिए पर पहुंच गई। उचाना में तो 2014 में दो हजार, 2019 में पांच हजार वोट ही कांग्रेस उम्मीदवारों को उचाना हलके से मिले। दोनों चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी। जींद जिले में भी बीते दो विस चुनावों में एक ही विधायक कांग्रेस का बन पाया।
बीते दिनों भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए बृजेंद्र सिंह से कांग्रेस को उचाना में बड़ी मजबूती मिली है। यहां पर भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ है। बेशक अभी तक बीरेंद्र सिंह ने भाजपा नहीं छोड़ी हो लेकिन वो बयान दे चुके है आने वाले दिनों में अपने लाखों कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस में शामिल होंगे। जिस दिन ये जनसभा होगी उसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खडग़े को वो बुलाएंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह का परिवार 40 साल कांग्रेस में रहा। पूर्व पीएम राजीव गांधी का उन्हें करीबी माना जाता है। बांगर शिक्षा समिति द्वारा यहां पर बनाए गए कॉलेज का नाम भी राजीव गांधी महाविद्यालय रखा गया है। इसका उद्घाटन कांग्रेस सरकार में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी द्वारा किया गया था। कॉलेज में बनाई गई लाइब्रेरी में राजीव गांधी की बचपन से लेकर पीएम बनने तक की फोटो लगी हुई है। राजीव गांधी की बड़ी फोटो भी महाविद्यालय के पार्क में स्टैच्यू के रूप में लगी हुई है। बेशक 10 साल तक बीरेंद्र सिंह का परिवार भाजपा में रहा लेकिन राजीव गांधी की लाइब्रेरी में फोटो पहले की तरह यूं की यूं रखी। जब बीरेंद्र सिंह कांग्रेस में थे तो उनकी गिनती सोनिया गांधी के नजदीकी विश्वसनीय नेताओं में होती रही है। तीन राज्यों का प्रभारी एवं कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी उन्हें दी गई थी।
चुनाव लडऩे वालों को लगा झटका
उचाना हलके से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लडऩे के इच्छुक सूबे सिंह पूनिया, वीरेंद्र घोघडिय़ा, दिलबाग संडील, दिनेश डाहोला, मनोज नचार, सुरेंद्र श्योकंद सहित अन्य ऐसे नेता जो निरंतर चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे थे उन्हें सांसद बृजेंद्र सिंह के कांग्रेस में आने से झटका लगा है। निश्चित रूप से 2024 विस चुनाव में कांग्रेस से बीरेंद्र सिंह के परिवार से उम्मीदवार होगा इसमें कोई संशय नहीं है। कांग्रेस के पास भी इससे मजबूत कोई दूसरा चेहरा नहीं है जो यहां से कांग्रेस को चुनाव जीतवा सकें। इतना ही नहीं बीरेंद्र सिंह के परिवार के कांग्रेस में आने से नरवाना, जींद, सफीदों, जुलाना, नारनौंद, कलायत, उकलाना, बरवाला, कैथल सहित कई विस सीटों पर फायदा होगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/संजीव