हिसार : ‘मुट्ठी बांधे जन्म लिया हाथ पसारे जाना है, इस धरा पर सब धरा रह जाना है’

 


अणुव्रत समिति और बजम ए अदब की योग और काव्य गोष्ठी आयोजित

हिसार, 29 जुलाई (हि.स.)। अणुव्रत समिति एवं बज्म ए अदब के तत्वाधान में पुरानी मंडी रोड स्थित अणुव्रत कार्यालय में काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी में मंच संचालन जयभगवान लाडवाल ने किया जबकि मुख्य अतिथि महाबीर प्रसाद जैन थे। अध्यक्षता राजेंद्र अग्रवाल ने की।

कार्यालय में सोमवार को हुई इस काव्य गोष्ठी में राजेंद्र अग्रवाल ने काव्य रचना सुनाई कि ‘मुट्ठी बांधे जन्म लिया हाथ पसारे जाना है, इस धरा का, इस धरा पर सब धरा रह जाना है।’ जयभगवान लाडवाल ने सुनाया ‘कि ना सोना याद आता है ना चांदी याद आती है, जब भी आदमी पर मुसीबत आती है तो मां की याद आती है।’ ऋषि सक्सेना ने सुनाया ‘बंद करता हूँ, अपनी आंखों को जब जब आती है यादेँ वही पुरानी सुहानी।’ पीपी शर्मा ने सुनाया ‘जैसी संगति पाओगे, वैसे रास रचाओगे।’ ‘जैसा कर्म करोगे जग में, वैसा नाम कमाओगे।’ भीम सिंह हुडा ने सुनाया कि ‘बदलते जमाने को जब मैं देखता हूं, इसे क्या हो गया है मै सोचता हूं।’ विनोद जैन ने अणुव्रत गीत सुनाया ‘संयम ही जीवन है, नैतिकता की सुर सरिता में जन मन पावन हो।’

दर्शन लाल शर्मा ने सुनाया ‘बदले युग की धारा, अणुव्रत के छोटे छोटे संकल्पों द्वारा।’ अनिल जैन ने कविता सुनाई। इस अवसर पर अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल, दर्शन लाल शर्मा, अनिल जैन, विनोद जैन, सहित अन्य गणमानय सदस्य उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर / संजीव शर्मा