सोनीपत: लेखन में तथ्यों की शुद्धता,विषय की संरचना का संतुलन हो: डा. अमिता

 


सोनीपत, 23 दिसंबर (हि.स.)। खेल और मीडिया के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा

देने के उद्देश्य से खेल विश्वविद्यालय, राई, सोनीपत में पत्रकारिता के विद्यार्थियों

के लिए एक विशेष शैक्षणिक सत्र मंगलवार को आयोजित किया गया। इस सत्र में विद्यार्थियों

को पत्रकारिता लेखन की व्यावहारिक विधियों और माध्यमों की बारीकियों से परिचित कराया

गया।

मुख्य वक्ता डॉ. अमिता यादव, सहायक आचार्य, पत्रकारिता एवं

जनसंचार विभाग, केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा, महेंद्रगढ़ रहीं। उन्होंने कहा कि

पत्रकारिता केवल समाचार लिखने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें तथ्यों की शुद्धता, भाषा

की स्पष्टता, विषय की संरचना और प्रभावी प्रस्तुति का संतुलन आवश्यक होता है। उन्होंने

रेडियो और दूरदर्शन लेखन की जानकारी। रेडियो लेखन में सरल भाषा, छोटे वाक्य, श्रव्य

प्रभाव और कल्पनाशील प्रस्तुति के महत्व को समझाया गया, जबकि दूरदर्शन लेखन में दृश्यात्मक

सोच, स्क्रिप्ट संरचना, समाचार प्रस्तोता की कड़ी, पैकेज लेखन और कथनों के प्रभावी

उपयोग पर चर्चा की गई।

डॉ. अमिता यादव ने विद्यार्थियों को समाचार लेखन की प्रमुख

तकनीकों जैसे क्या, क्यों, कब, कहां, कौन और कैसे, उल्टा पिरामिड शैली, फीचर लेखन की

संरचना, शीर्षक लेखन, लीड के प्रकार, स्क्रिप्ट लेखन, वॉइस ओवर लेखन तथा पाठक, श्रोता

और दर्शक की रुचि को ध्यान में रखकर सामग्री तैयार करने की विधियों की जानकारी दी।

उन्होंने उदाहरणों के माध्यम से यह भी बताया कि एक ही समाचार को मुद्रित माध्यम, रेडियो

और दूरदर्शन के लिए अलग-अलग ढंग से कैसे लिखा जाता है।

विश्वविद्यालय के कुलपति अशोक कुमार ने कहा कि खेल विश्वविद्यालय

का उद्देश्य खेलों के साथ-साथ खेल पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में भी विद्यार्थियों

को व्यावहारिक और रोजगारोन्मुख शिक्षा देना है। ऐसे सत्र विद्यार्थियों को मीडिया की

वास्तविक चुनौतियों के लिए तैयार करते हैं।

सत्र के दौरान विद्यार्थियों ने प्रश्न पूछकर सक्रिय भागीदारी

की और व्यावहारिक अभ्यास के माध्यम से लेखन कौशल को समझा। कार्यक्रम के अंत में पत्रकारिता

विभाग के डॉ. जयपाल और अनिल यादव ने अतिथि वक्ता का आभार व्यक्त किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना