झज्जर: शुक्रवार से बहादुरगढ़ में जुटेंगे देशभर से सिद्धहस्त शिल्पी
-पद्मश्री, शिल्पगुरु और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिल्पी करेंगे अपनी कला का प्रदर्शन
-27 अक्टूबर से 5 नवंबर तक होगा शिल्पकला और सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन
झज्जर, 25 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) हरियाणा द्वारा शुक्रवार से बहादुरगढ़ में 10 दिवसीय शिल्पकला एवं सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में कई पद्मश्री, शिल्पगुरु व राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिल्पियों के साथ-साथ 85 शिल्पी भाग लेंगे। बुधवार को पत्रकार वार्ता में नाबार्ड के एजीएम अभिमन्यु व अन्य अधिकारियों और बोंदवाल परिवार की ओर से आयोजन की जानकारी दी गई।
बहादुरगढ़ में इस 9वें शिल्प मेले का आयोजन प्राचीन कारीगर एसोसिएशन, रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन की ओर से किया जा रहा है। इसमें नाबार्ड हरियाणा का विशेष सहयोग रहेगा। हस्तशिल्प प्रर्दशनी 27 अक्टूबर से 5 नवंबर तक चलेगी। इसमें 85 राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय अवार्ड धारक शिल्पकार, बुनकर भाग लेते हुए अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। बहादुरगढ़ के विश्व ख्याति प्राप्त हस्तशिल्पी बोंदवाल परिवार ने इस मेले की शुरुआत की थी। आयोजन में नाबार्ड का विशेष सहयोग रहता है। कई दूसरे राज्यों से आए कलाकार व स्थानीय कलाकार भी इसमें अपनी प्रतिभा के रंग बिखेरेंगे। प्राचीन कारीगर एसोसिएशन से शिल्पगुरु राजेंद्र प्रसाद बोंदवाल, राष्ट्रीय अवार्डी महाबीर प्रसाद बोंदवाल व चंद्रकांत बोंदवाल, रूरल एंड अर्बन डवलपमेंट एसोसिएशन (रूडफ) से डॉ. राजेंद्र जांगड़ा, एनएमसी अवार्डी व (रूडफ) प्रधान सूर्यकांत बोंदवाल व अशोक प्रजापति इस अवसर पर मौजूद रहे।
आयोजकों ने बताया कि इस हस्तशिल्प प्रदर्शनी को लेकर शिल्पकार व बुनकरों व लोगों में खास उत्साह रहता है। युवाओं को इस प्रदर्शनी के माध्यम से कुछ न कुछ नया सीखने को मिलता है और पूरे देश की संस्कृति उनके रहन-सहन के बारे में भी पता चलता है। करीब आठ साल से बहादुरगढ़ व निकटवर्ती एनसीआर के 150 से अधिक उभरते शिल्पी इस कार्यक्रम से सीखने का लाभ उठा चुके हैं। नाबार्ड डीजीएम अभिमन्यु ने कहा कि शिल्पकारों को सीधे खरीददार तक जोड़ने का प्रयास नाबार्ड द्वारा किया जा रहा है। 10 दिनों तक चलने वाली इस कला प्रदर्शनी एवं मेले में युवा कलाकारों को भी सीखने का मौका दिया जाएगा। युवा अनुभवी हस्तशिल्पकारों से सीधे रूबरू होंगे और उनकी कला के नमूने देख सकेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/ शील/संजीव