संजीवनी ध्यान आत्मा के साथ संबंध की अनुपम यात्रा : आचार्या मां कल्पना

 


हिसार, 19 नवंबर (हि.स.)। ओशो सिद्धार्थ फाउंडेशन के तत्वाधान में ओशोधारा मैत्री संघ की ओर सेस अपने कौशिक नगर स्थित साधना केंद्र में संडे ध्यान का कार्यक्रम आयोजित किया। आचार्या मां कल्पना ने संजीवनी ध्यान विषय पर चर्चा की।

आचार्य मां कल्पना ने कहा कि संजीवनी ध्यान एक प्रमुख ध्यान पद्धति है जो मानव विकास और आत्मा के प्रति संबंध को मजबूत करने का प्रयास करती है। यह एक साधना है जो शांति, स्थिति और आत्मा की समर्थन क्षमता को बढ़ाने के लिए डिजाइन की गई है। संजीवनी ध्यान का मुख्य उद्देश्य यह है कि व्यक्ति अपनी मानसिक और आत्मिक शक्तियों को समझे और विकसित करे।

यह ध्यान अभ्यास विभिन्न योग तकनीकों, प्राणायाम, और ध्यान की विभिन्न विधियों को शामिल करता है। आचार्या ने बताया कि संजीवनी ध्यान के अभ्यास से व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बना सकता है और आत्मा के साथ एकात्मता में स्थापित हो सकता है। यह ध्यान विधि शांति और आत्मा के अंश को जागरूक करने का माध्यम हो सकती है, जो जीवन को समृद्धि और सार्थकता से भर देता है।

इस अवसर पर ओशोधारा हरियाणा के संयोजक आचार्य सुभाष ने बताया कि ओशोधारा ने हर घर ध्यान का संकल्प लिया है और इस कड़ी में ओशोधारा की टीम पूरे हरियाणा में अलग-अलग जगह ध्यान के कार्यक्रम आयोजित कर रही है। आज के इस सत्र में 80 से अधिक मित्रों ने हिस्सा लिया और सभी बहुत ही ऊर्जावान और आनंदित अनुभव कर रहे थे। ध्यान के बाद टीम सद्गुरु हिसार व टीम सद्गुरु भिवानी के सदस्यों की मीटिंग हुई जिसमें आने वाले कार्यकर्मों को सफल बनाने की रुपरेखा तैयार की गई। ओशोधारा हरियाणा में ध्यान योग के तीन दिवसीय कार्यक्रम करवाने जा रहा है जोकि 25 से 27 नवम्बर को गुरुग्राम व 1 से 3 दिसंबर को भिवानी में होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर