यमुनानगर: शिक्षक बोले, शिक्षा मंत्री के प्रयासों से 17 साल का बनवास हुआ खत्म
-संस्कृत अध्यापक संघ ने स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल का जताया आभार।
-395 संस्कृत पीजीटी अध्यापकों की हुई पदोन्नति
यमुनानगर, 27 नवंबर (हि.स.)। हरियाणा में 17 वर्षों से पदोन्नति का इंतजार कर रहे 395 पीजीटी अध्यापकों की पदोन्नति के आदेश जारी होने पर हरियाणा राज्य संस्कृत अध्यापक संघ के पदाधिकारियों और संस्कृत अध्यापकों ने सोमवार को स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल के आवास पर उनका आभार व्यक्त किया।
हरियाणा राज्य संस्कृत अध्यापक संघ के राज्य प्रधान प्रसाद कौशिक ने कहा स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल के प्रयासों और इनकी कलम से संस्कृत अध्यापकों के हित में यह ऐतिहासिक फैंसला हुआ है। इस फैंसले के बाद हमारा 17 वर्षों से चल रहा बनवास खत्म हुआ है। यह मांग बहुत लंबे समय से अटकी हुई थी, जिसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल व स्कूल शिक्षामंत्री कंवरपाल ने गंभीरता से लिया और एक ऐतिहासिक फैंसला लेकर हमें बहुत बड़ी सौगात दी।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने हमारी पीड़ा को समझा और हमारी समस्या का निराकरण किया। 395 संस्कृत अध्यापकों की पदोन्नति हुई है और उन्हें पोस्टिंग भी मिल गई है। 300 के करीब पद रिक्त हैं। जल्द ही उनकी पदोन्नति से वह भी भर जाएंगे। सरकार के इस फैसले से संस्कृत प्रेमियों में उत्साह का संचार होगा और प्रदेश में संस्कृत भाषा को बढ़ावा मिलेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। जिसमें हमारे वेद, उपनिषद व अन्य धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान निहित है। राज्य सरकार का सदैव यह प्रयास रहेगा कि यह ज्ञान लोगों तक पहुंचे। संस्कृत भाषा पर शिक्षा शास्त्री व आचार्य जैसी शैक्षणिक योग्यता रखने वालों की पकड़ अन्य लोगों की तुलना में अधिक होती है। जिसको सरकार ने माना है।
उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा को और अधिक बढ़ावा मिलना चाहिए, जिसके लिए सरकार प्रयासरत है। संस्कृत पूरे तरीके से एक वैज्ञानिक भाषा है। पूरी दुनिया ने इस बात को स्वीकार किया है। आने वाले समय में संस्कृत का बहुत उज्जवल भविष्य है और यह दुनिया की भाषा बनेगी। इस मौके पर विभिन्न जिलों से आए बड़ी संख्या में अध्यापक भी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/अवतार/संजीव