पर्पल पेन'' के आठवें वार्षिक उत्सव 'जश्न-ए-अल्फ़ाज़' का आयोजन

 


'साहित्य सेतु' स्मारिका का लोकार्पण, 26 सम्मान वितरित

हिन्दी, उर्दू, पंजाबी, अवधी, भोजपुरी, सिरायकी, ब्रज व अंग्रेजी भाषा में हुआ कविता पाठ

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था 'पर्पल पेन' का आठवां वार्षिक उत्सव गत दिवस 'इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में मनाया गया। 'जश्न-ए-अलफ़ाज़' नाम से आयोजित इस समारोह में साहित्य की अलग अलग श्रेणियों में 26 सम्मान वितरित किये गए। इसके साथ ही पर्पल पेन समूह द्वारा प्रकाशित स्मारिका 'साहित्य सेतु' का लोकार्पण भी हुआ। इसका संपादन पर्पल पेन की संस्थापिका वसुधा कनुप्रिया ने किया है।

साहित्य, कला, पर्यावरण संरक्षण, समाज सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य, आदि के क्षेत्र में विशिष्ट सेवाओं के लिए देश चयनित विशिष्ट अतिथियों को समारोह में 'साहित्य साधक सम्मान' प्रदान किया गया। मंच की ओर से स्थापित वार्षिक 'साहित्य सेवी सम्मान' 'साहित्य गौरव सम्मान', और पर्पल पेन 'उदित सितारा सम्मान' के साथ पर्पल पेन कला भूषण सम्मान, साहित्य संचेतक सम्मान और साहित्य भूषण सम्मान भी प्रदान किये गए।

विख्यात उस्ताद शायर सीमाब सुल्तानपुरी (सचिव, हल्क़ा-ए-तश्नगाने-अदब) ने 'जश्न-ए-अल्फ़ाज़' की अध्यक्षता की तथा साहित्यकार अतुल प्रभाकर (संस्थापक मंत्री, विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान) इस उत्सव के मुख्य अतिथि रहे। राष्ट्रीय ओज कवि विनय विनम्र और प्राेफेसर रहमान मुसव्विर (हिन्दी विभाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया) विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन रहे।

पर्पल पेन की 'संस्थापक-अध्यक्ष' वसुधा 'कनुप्रिया' ने अपने स्वागत उद्बोधन में समूह की प्रमुख गतिविधियों और आठ वर्ष की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संस्था अब तक लगभग 100 ज़मीनी कार्यक्रम कर चुकी है और पिछले आठ वर्षों में दो सौ के करीब सम्मान वितरित किये जा चुके हैं। समूह द्वारा छह साझा काव्य संग्रह प्रकाशित किये जा चुके हैं, जिनमें से तीन नवांकुरों के प्रोत्साहन हेतु निशुल्क प्रकाशित किये गए। पर्पल पेन संस्था वंचित वर्ग में सेवा कार्य भी करता है। साथ ही देश सेवा के संकल्प के अंतर्गत फौजियों को राखियां भेजी जाती हैं तथा राष्ट्रीय पर्वों पर तिरंगे का बैज बांटा जाता है।

बहुभाषी काव्य गोष्ठी 'जश्न-ए-अल्फ़ाज़' कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण रही। इस गोष्ठी में हिन्दी, उर्दू, पंजाबी, अवधी, भोजपुरी, सिरायकी, ब्रज भाषा सहित अंग्रेज़ी कविताओं का श्रेष्ठ रचनापाठ हुआ। अपने कविता पाठ से मंचासीन अतिथिगण ने भी कार्यक्रम को और गरिमा प्रदान की।

मनोज मिश्रा कप्तान, अरविन्द असर, अश्वनी कुमार, वेदांश गोस्वामी, मधुमिता, विनय विक्रम सिंह, योगेश कौशिक, गुरचरण मेहता रजत, राजीव उपाध्याय कामिल, कांता रॉय, भूपेंद्र कुमार, वंदना मोदी गोयल तथा अंजू खरबंदा को पर्पल पेन 'साहित्य साधक सम्मान' 2023 प्रदान किया गया।

गीता भाटिया, सुरेन्द्र पाल वैद्य, सुश्री वीना तँवर, रजनी रामदेव, डॉ. कविता सूद और अश्विनी कुमार को पर्पल पेन पटल पर सक्रिय लेखन के लिए वर्ष 2023 का 'साहित्य सेवी सम्मान' प्रदान किया गया। सतत संचालन के लिए सुश्री मीनाक्षी भटनागर को 'साहित्य संचेतक सम्मान' तथा शालिनी शर्मा को पर्पल पेन 'उदित सितारा सम्मान' 2023 भी दिए गए।

कला के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए सुरेशपाल वर्मा जसाला को 'कला भूषण सम्मान' तथा साहित्य की दीर्घकालीन सेवा के लिए वरिष्ठ साहित्यकारों – डॉ. रंजना अग्रवाल, अनिल वर्मा मीत, रामकिशोर उपाध्याय एवं सुश्री रेखा जोशी को पर्पल पेन 'साहित्य गौरव सम्मान' से अलंकृत किया गया।

कार्यक्रम का संचालन सुश्री ममता लड़ीवाल ने किया। धन्यवाद ज्ञापित करते हुए पर्पल पेन संस्था की संस्थापक-अध्यक्ष वसुधा कनुप्रिया ने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी समूह साहित्य, समाज और देश सेवा के कार्य में जुटा रहेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ जितेन्द्र/दधिबल