प्राकृतिक चिकित्सा केवल चिकित्सा पद्धति ही नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ जीवन जीने की कला भी है: विजेंद्र गुप्ता
नई दिल्ली, 23 नवंबर (हि.स.)।दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आज 'आयुष मंत्रालय' द्वारा 7वें प्राकृतिक चिकित्सा दिवस समारोह के अंतर्गत आज रोहिणी सेक्टर-19 स्थित प्राकृतिक चिकित्सा अस्पताल में आयोजित 'प्राकृतिक चिकित्सा मेला' का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर उपस्थित दर्शकों को संबोधित करते हुए गुप्ता ने प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व को रेखांकित करते हुए, स्वस्थ जीवनशैली एवं शाकाहारी खान-पान अपनाने के लिए लोगों से आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली चिकित्सा की एक रचनात्मक विधि है, जिसका लक्ष्य प्रकृति में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध तत्त्वों के उचित इस्तेमाल द्वारा रोग का मूल कारण समाप्त करना है। यह न केवल एक चिकित्सा पद्धति है बल्कि मानव शरीर में उपस्थित आंतरिक महत्त्वपूर्ण शक्तियों या प्राकृतिक तत्त्वों के अनुरूप एक जीवन-शैली है। यह जीवन कला तथा विज्ञान में एक सम्पूर्ण क्रांति है। इस प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में प्राकृतिक भोजन, विशेषकर ताजे फल तथा कच्ची व हलकी पकी सब्जियाँ विभिन्न बीमारियों के इलाज में निर्णायक भूमिका निभाती हैं। प्राकृतिक चिकित्सा निर्धन व्यक्तियों एवं गरीब देशों के लिये विशेष रूप से वरदान है।
इस मेले में नैचुरोपैथी से संबंधित अनेक जानकारीपूर्ण स्टॉल्स लगाए गए, जहां प्राकृतिक चिकित्सको और विशेषज्ञों ने लोगो को प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से स्वस्थ जीवन जीने के अनूठे तरीकों की जानकारी दी।
गुप्ता ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से पूरे देश मे चलाये जा रहे 'फिट इंडिया मूवमेंट' और 'आयुष्मान भारत' जैसे अभियान से प्रेरित होकर, ऐसे आयोजन नागरिकों को स्वास्थ्य और प्रकृति के संतुलन का महत्व समझाने में सहायक सिद्ध होंगे।
इस अवसर पर क्षेत्र के सैकड़ों नागरिक और अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी