युगों-युगों से चली आ रही है भारतीय नव वर्ष मनाने की परंपरा : नंदकुमार

 


नई दिल्ली, 09 अप्रैल (हि.स.)। प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे. नंदकुमार ने मंगलवार को भारतीय नववर्ष का स्वागत करते हुए कहा कि यह भारतीय नव वर्ष मनाने की परंपरा कोई नवीन परंपरा नहीं है। यह परंपरा युगों-युगों से चली आ रही है।

संस्कार भारती, दिल्ली प्रांत द्वारा 'नव वर्ष प्रतिपदा' के अवसर पर सूर घाट, दिल्ली पर 'भारतीय नव वर्ष उत्सव, विक्रमी संवत 2081' बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विशिष्ट वक्तव्य देते हुए नंदकुमार ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति अत्यंत प्राचीन है। इसका अनुकरण हर सनातनी को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्कृति का संरक्षण करना हम सभी का दायित्व है।

मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध नृत्यांगना एवं पद्मश्री नलिनी कमलिनी ने संक्षिप्त उद्बोधन देते हुए सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं दीं।

विशिष्ट अतिथि सांसद मनोज तिवारी ने एक भजन प्रस्तुत किया और इस कार्यक्रम के संयोजकों को बहुत-बहुत बधाई देते हुए कहा कि वास्तव में नव वर्ष हम सभी भारतीयों का उत्सव है, इसे हमें अवश्य मनाना चाहिए।

कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रसिद्ध संतूर वादक अभय सोपोरी और उनके साथियों द्वारा अत्यंत मधुर ध्वनि से संतूर वादन किया गया। अन्य कार्यक्रमों में भजन गायन हुआ तथा नृत्य प्रस्तुति और काव्य पाठ भी हुआ। सूर्योदय के समय उपस्थित सभी धर्म अनुरागी बंधुओं ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और दीपदान किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुशील/दधिबल