भविष्य के खतरों से आगाह करती है इंडिया साइबर थ्रेट रिपोर्ट

 


नई दिल्ली, 22 दिसंबर (हि.स.)। साइबर सुरक्षा समाधान प्रदान करने वाली कंपनी क्विक हील टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की एंटरप्राइज यूनिट 'सेक्राइट' ने डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (डीएससीआई) के साथ नैस्कॉम-डीएससीआई एनुअल इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी समिट-2023 में इंडिया साइबर थ्रेट रिपोर्ट-2023 जारी की। यह भविष्य के खतरों से आगाह करती है।

यह रिपोर्ट विशेष रूप से भारतीय साइबर सुरक्षा इको सिस्टम के लिए तैयार की गई अपनी तरह की पहली पहल है। भारतीय परिदृश्य में यह रिपोर्ट भविष्य के खतरों से आगाह करती है। थ्रेट रिपोर्ट देश की सबसे बड़ी मैलवेयर विश्लेषण लैब (सेक्राइट लैब्स) की सूचनाओं पर आधारित है। इसका अध्ययन सेक्राइट और डीएससीआई के ने किया है। इसका उद्देश्य व्यवसायों को उनकी साइबर सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने के लिए भारत-केंद्रित जानकारी और उस पर की जाने वाली कार्रवाई योग्य सिफारिशों के साथ सशक्त बनाना है। यह रिपोर्ट सेक्राइट के शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों के परिश्रम और समर्पण का प्रमाण है।

इस रिपोर्ट में साइबर खतरों के भौगोलिक और क्षेत्रीय प्रभाव के व्यापक विश्लेषण के साथ पूरे वर्ष के दौरान निशाना बनाए गए शीर्ष राज्यों, शहरों और उद्योगों की विस्तृत जानकारी शामिल है। एंड्रॉयड के मामले में यह एडवेयर और संभावित रूप से अवांछित एप्लिकेशन (पीयूए) की संख्या में व्यापक वृद्धि के बारे में बताता है। चौंकाने वाली बात यह है कि गूगल प्ले स्टोर पर होस्ट किए गए फेक और खतरनाक एप्लिकेशन को लाखों यूजर्स ने डाउनलोड किया, जिनमें स्पाइलोन ऐप्स, फेक ऐप्स, हाईड ऐप्स समेत अन्य ऐप्स शामिल हैं।

क्विक हील के सीईओ विशाल साल्वी, डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन प्रमोद भसीन और डीएससीआई के सीईओ विनायक गोडसे ने मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के सचिव एस कृष्णन की मौजूदगी में इस रिपोर्ट को लॉन्च किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/मुकुंद